एल्सटॉम, स्मार्ट और सस्टेनेबल मोबिलिटी में ग्लोबल लीडर ने, मेरठ मेट्रो के लिए पहला स्वदेशी निर्मित ट्रेनसेट बनाकर सौंप दिया, जो एल्स्टॉम द्वारा क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के लिए 2020 में किए गए 210 कारों की डिलीवरी के अनुबंध के अंतर्गत बनाया गया है। इस पहले ट्रेनसेट को सवली, गुजरात में एल्सटॉम की विनिर्माण सुविधा में आयोजित एक समारोह में आवास और शहरी मामलों तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस (वर्चुअली) मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी, एनसीआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री विनय कुमार सिंह और एल्सटॉम इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, ओलिवर लॉइजन की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। मेरठ मेट्रो एक शहरी मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) है, जो 25 किलोमीटर लंबी लाइन-1 (14.80 किमी एलिवेटेड ट्रैक और 4.6 किमी भूमिगत) पर संचालित होगा, तथा 11 स्टेशनों से होते हुए परतापुर और मोदीपुरम को जोड़ेगा। मेरठवासियों की सुविधा के लिए, इस लाइन पर तीन स्टेशनों की कनेक्टिविटी दिल्ली और मेरठ को जोड़ने वाले भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) से होगी। इस लाइन पर चलने के लिए एल्सटॉम द्वारा तीन-तीन कोचों के 10 ट्रेनसेट्स के साथ कुल 30 कोचों की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए रोलिंग स्टॉक एल्सटॉम के एडेसिया कम्यूटर ट्रेन परिवार पर आधारित है, जिसमें पूरे विश्व का अनुभव शामिल है। इस मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) का मुख्य उद्देश्य आरआरटीएस के लिए एक फीडर और मेरठ क्षेत्र के लिए एक मेट्रो प्रदान करना है।
इस अवसर पर एनसीआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री विनय कुमार सिंह ने कहा, “
“नमो भारत ट्रेनें और मेरठ मेट्रो माननीय प्रधान मंत्री के गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को पूरा करने की ओर हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। देश में इस नई पहल में ये दोनों सेवाएं पहली बार एक ही आरआरटीएस पटरियों पर दौड़ेंगी। आधुनिक मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट्स को मेक-इन-इंडिया पहल के अंतर्गत स्वदेशी रूप से डिजाइन करके बनाया गया है। बुनियादी ढांचे की तैयारियों के तालमेल में इन एमआरटीएस ट्रेनसेट्स की आपूर्ति समय पर करने के लिए एल्स्टॉम टीम ने कड़ी मेहनत की है।”
डिलीवरी के बारे में एल्सटॉम इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, ओलिवर लॉइजन ने कहा, “मेरठ मेट्रो परियोजना इंट्रा और इंटरसिटी रेल यात्रा को आधुनिक बनाने की देश की महत्वाकांक्षा की ओर अगला कदम है। हमें इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपने नेक्स्ट-जनरेशन उत्पाद प्रदान करने की खुशी है। नमो भारत लाइन से अपनी कनेक्टिविटी द्वारा यह संयुक्त सेवा उत्तरी भारत में व्यापार और अवकाश यात्रा में दीर्घकालिक सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगी।”
ये ट्रेनें भारत सरकार के ‘मेक-इन-इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप एल्सटॉम के हैदराबाद इंजीनियरिंग सेंटर में डिज़ाइन की गई हैं और सवली (गुजरात) में स्वदेशी रूप से बनाई गई हैं। इस ट्रेनसेट के मेरठ डिपो में पहुँचने के बाद इसका उचित परीक्षण एवं सत्यापन किया जाएगा।
Home सेवा संकल्प द्वारा विश्व मृदा दिवस के अवसर पर आयोजित हुई कला प्रतियोगिता एल्स्टॉम ने मेरठ मेट्रो परियोजना के लिए पहला ट्रेन सेट बनाकर सौंपा