दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों को इसकी वैक्सीन का इंतजार है। हर दिन बढ़ते संक्रमण के मामले और मौत के आंकड़े दुनियाभर के लोगों की चिंता बढ़ा रहे हैं। ऐसे मे इसकी वैक्सीन को लेकर हो रहे शोधों में मिल रही सफलता की खबरें थोड़ी राहत दे रही है। दुनियाभर में 120 से ज्यादा वैक्सीन पर काम हो रहा है और 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल स्टेज में हैं। भारत में दो वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो चुका है। वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन, चीन, रूस, अमेरिका और अन्य देश भी वैक्सीन बनाने के काफी करीब हैं। कुछ ने तो अगस्त से सितंबर तक वैक्सीन लॉन्च करने का दावा कर दिया है। लेकिन इस मसले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की राय अलग है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए तैयार की जा रही कई वैक्सीन अपने ट्रायल के आखिरी चरण में पहुंच चुकी हैं। ऐसे में इनके जल्द से जल्द बाजार में आने की उम्मीद की जा रही है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की मानें तो किसी भी वैक्सीन के बाजार में उपलब्ध होने की अपेक्षा साल 2021 के प्रारंभिक महीनों से पहले नहीं की जा सकती है। WHO के इमरजेंसी प्रोग्राम यानी आपातकाल कार्यक्रम प्रमुख माइक रेयॉन ने कहा, “हम इस बात का पूरा प्रयास कर रहे हैं कि वैक्सीन के वितरण में किसी तरह की दिक्कत ना हो। ताकि कोरोना महामारी (Covid-19) का संक्रमण जल्द से जल्द रोका जा सके। कारण कि इस वायरस से संक्रमित नए मामले लगभग पूरी दुनिया से आ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि जो भी वैक्सीन सबसे पहले तैयार होती है, उसकी सही तरीके से उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। कोरोना वैक्सीन (Corona vaccines) के बारे में माइक ने कहा है कि वैक्सीन बनाने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अबतक तीन अलग-अलग वैक्सीन परीक्षण के तीसरे स्तर पर पहुंच चुकी हैं। यह उत्साहजनक बात है कि इनमें से किसी भी वैक्सीन का मानव शरीर पर कोई बड़ा साइड इफेक्ट या खतरा देखने को नहीं मिला है। यह एक बड़ी उपलब्धि की ओर बढ़ने के संकेत हैं।हालांकि उन्होंने कहा कि हम अगले साल यानी 2021 के शुरुआती महीनों से पहले लोगों के टीकाकरण की उम्मीद नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि सभी जरूरी प्रक्रियाओं के होने और सबतक इस वैक्सीन की पहुंच सुनिश्चित करने में इतना समय तो लग ही जाएगा। इमरजेंसी प्रोग्राम हेड के मुताबिक, डब्लूएचओ इस बात का पूरा प्रयास कर रहा है कि जो भी वैक्सीन सबसे पहले पॉजिटिव नतीजे लाए, उसके उत्पादन को अधिक से अधिक बढ़ाया जा सके। ताकि पूरी दुनिया के लोगों तक जल्दी से जल्दी वैक्सीन को पहुंचाया जा सके। यह जरूरी भी है। मालूम हो कि पिछले दिनों रूस की सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने जल्द से जल्द वैक्सीन लॉन्च करने का दावा किया था। रूस की वैक्सीन अंतिम चरण के ट्रायल में है। वहीं, ब्रिटेन की वैक्सीन के भी दोनों चरणों के ह्यूमन ट्रायल के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं और उसका अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है। इधर, चीन की दो वैक्सीन भी सफलता के करीब है। जबकि भारत में दो वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो चुका है।