तीन राज्यों की पुलिस को चकमा देकर विकास दुबे कैसे पहुंचा उज्जैन? जानें पूरी कहानी

0
274

गैंगस्टर विकास दुबे की एनकाउंटर में मौत के बाद कई राज भले ही दफन हो गए लेकिन मरने से पहले मध्यप्रदेश पुलिस की पूछताछ में विकास दुबे ने ये बता दिया था कि वो उज्जैन आखिर कैसे पहुंचा था. दरअसल, कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद से ही विकास दुबे पुलिस और एसटीएफ से भागा-भागा फिर रहा था. उसकी लोकेशन यूपी के बाद हरियाणा के फरीदाबाद में पाई गई थी लेकिन गुरुवार सुबह वो अचानक मध्यप्रदेश के उज्जैन में पुलिस की पकड़ में आया.इसके बाद से ही सवाल उठ रहे थे कि आखिर जिस दुर्दांत अपराधी को एसटीएफ और पुलिस के हजारों जवान ढूंढ रहे थे, वो सबको चकमा देकर उज्जैन पहुंचने में कामयाब कैसे हो गया. अब विकास दुबे के एनकाउंटर के अगले दिन उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने शनिवार रात इस बात का खुलासा किया कि विकास दुबे उज्जैन कैसे पहुंचा. यूपी एसटीएफ को सौंपने से पहले उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे से घंटों पूछताछ की थी जिसमें उसने उज्जैन पहुंचने तक के रास्ते की जानकारी दी थी.एसपी मनोज कुमार सिंह के मुताबिक गुरुवार तड़के ही विकास दुबे उज्जैन पहुंचा था. फरीदाबाद में देखे जाने के बाद विकास दुबे राजस्थान के अलवर पहुंचा और फिर वहां से बस में बैठकर राजस्थान के झालावाड़ तक गया. इसके बाद बुधवार रात करीब 9 बजे उसने एक दूसरी बस पकड़ी और उसमें बैठकर गुरुवार तड़के करीब 4 बजे उज्जैन पहुंचा. उज्जैन में वो देवास गेट बस स्टैंड पर उतरा और यहां एक ऑटो में बैठ गया. यहां ऑटो वाले से विकास दुबे ने होटल या धर्मशाला चलने को कहा लेकिन होटल में आधार कार्ड मांगने पर वो वहां से चला गया और ऑटो में ही बैठकर रामघाट पहुंच गया. ऑटो वाले ने उसे यहीं छोड़ दिया था.इसके बाद विकास दुबे ने क्षिप्रा नदी में स्नान किया और यहां से सीधा महाकाल मंदिर पहुंचा गया. यहां महाकाल मंदिर में उसने पर्ची कटवाई और भगवान महाकाल के दर्शन किए. यहीं उसको निजी सुरक्षाकर्मियों ने पहचान लिया और इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. पूछताछ के दौरान विकास दुबे के पास से एक पर्ची मिली जिसपर कुछ नंबर लिखे थे जिसकी फिलहाल जांच की जा रही है. विकास ने अपना मोबाइल फोन पहले ही फेंक दिया था. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उसने रास्ते में किसी को फोन लगाया भी होगा तो कैसे.एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि विकास दुबे बेहद शातिर था और इसलिए उसने पूछताछ के दौरान कई बातें बताईं लेकिन उसकी जांच करने और पूछताछ में दिए फैक्ट्स को जब वेरिफाई किया गया तो कुछ भी मैच नहीं हुआ, जिससे साफ हो गया कि विकास दुबे झूठ बोल रहा था. एसपी ने स्पष्ट कर दिया कि उज्जैन पहुंचने में किसी के भी द्वारा विकास दुबे की मदद करने या उसे सहयोग देने की बात साबित नहीं हो पाई है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here