पूरनपुर मंडी में सिर्फ 2 सेंटरों पर पहले दिन खरीदा गया गेहूं

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पीलीभीत। मंडी में गेहूं खरीद शुरू कर दी गई है, यह अलग बात है कि धान खरीद की तरह गेहूं क्रय केंद्रों पर भी व्यवस्थाएं हावी हैं। शनिवार को मंडी में दो क्रय केंद्रों पर उप जिला अधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने गेहूं खरीद का शुभारंभ किया है।

गेहूं खरीद में किसानों को अव्यवस्थाओं से बचाने के लिए प्रशासनिक तैयारियां हवा हवाई नजर आ रही हैं। 1 अप्रैल से विधिवत गेहूं खरीद होनी थी। लेकिन तीन चार दिन बीत जाने के बाद भी सही मायने में गेहूं खरीद शुरू नहीं हो पाई है। कहने को मंडी पूरनपुर में 11 क्रय केंद्र लगाए गए हैं, लेकिन गेहूं खरीद की बात करें तो सिर्फ दो सेटरों पर शनिवार को गेहूं क्रय किया गया है। पूरनपुर मंडी प्रथम क्रय केंद्र पर करीब 90 कुंतल गेहूं खरीदने की जानकारी दी गई है। मंडी द्वितीय खाद्य विभाग क्रय केंद्र पर 850 कुंटल गेहूं खरीद दर्शाई गई है। लेकिन इन सेंटरों पर गेहूं की तौल कराने वाले कृषक नजर नहीं आए। किसानों को पूछने पर इंचार्ज बगले झांकने लगे। मण्डी में बिना पंजीकरण के सैकड़ो कुन्टल गेंहू पड़ा होने से गेट बन्द कर दिया गया हैं और किसानों को टै्रक्ट ट्राली के साथ लाइन लगाना पड़ रही हैं। मंजर धान खरीद जैसा ही दिखाई पड़ रहा हैं।

कलीनगर में एसडीएम के न मिलने से लौटे किसान
गेहूं खरीद में बिचौलियों से बचने के लिए सरकार ने नियम शर्तें लागू की हैं। 100 कुंतल से अधिक गेहूं की फसल होने पर उप जिला अधिकारी के सत्यापन पर ही किसान को टोकन मिलेगा और उसके बाद गेहूं खरीद होगी। कलीनगर में कृषक पंजीकरण सत्यापन को कोई व्यवस्था नहीं की गई है और ना ही एसडीएम योगेश कुमार गौड़ किसानों को ढूंढने से मिल रहे हैं। अधिकतर किसान उप जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं। गुड फ्राइडे को भी किसान दफ्तर के बाहर चक्कर लगाते
गेहूं उठान को नहीं मिल रहे ठेकेदार
गेहूं खरीद को सबसे पहला झटका तो हैंडलिंग ठेकेदारों ने दिया है। अमूमन देखा जाता था कि क्रय केंद्र का ठेका लेने के लिए लोग लाइन में लगे रहते थे। लेकिन इस बार क्रय केंद्रों को गेहूं के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं। बिना ठेकेदारों के गेहूं खरीद को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। कहने को तो मंडी पूरनपुर में 11 क्रय केंद्र लगाए गए हैं, लेकिन इनमें से दो को छोड़कर अधिकतर गेहूं क्रय केंद्रों के हैंडलिंग ठेकेदारों के टेंडर होना बाकी है। ऐसे में गेंहू खरीद का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता हैं। भारतीय खाद्य निगम क्रय केंद्र के प्रभारी कामता प्रसाद ने बताया कि बिना टेंडर गेहूं खरीद नहीं की जा सकती है, 5 अप्रैल तक टेंडर होने की उम्मीद है। इसके अलावा गेहूं खरीद केंद्र यूपी एसएस के इंचार्ज शाहिद हुसैन ने बताया कि उनके सेंटर को मार्का कोड नहीं मिला है, इसके चलते गेहूं क्रय करने में समस्या आ रही है।

सत्यापन बना किसानों का सर दर्द
किसान पंजीकरण भी कृषकों के लिए सर दर्द से कम नहीं हैं, किसान वाहनों के साथ मण्डी पहुंच रहा है और गेंहू क्रय केन्द्रों पर पंजीकरण सत्यापन अनिवार्य होने से उसे लौटाया जाता हैं। फिर किसान लेखपाल – संबंधित अधिकारी की तलाश करता हैं। उसके बाद साहब मिलते भी हैं तो उसे फिर आने की बात कहकर टकरा दिया जाता हैं। खास बात यह हैं कि गेंहू क्रय केन्द्रों पर पंजीकरण के सत्यापन की कोई व्यवस्था नहीं कराई गयी हैं जो कि किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं।

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