नई दिल्ली, 02 मार्च भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में आरोप लगाया है कि पाकिस्तान मंच का इस्तेमाल कर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है। भारत ने परिषद में अपने जवाब देने के अधिकार का एक बार फिर प्रयोग किया और पाकिस्तान व इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के वक्तव्य पर पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई। भारत ने जम्मू-कश्मीर के उल्लेख को खारिज करते हुए कहा कि ओईसी को भारत के आंतरिक मामलों पर अपनी बात रखने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही संगठन को पाकिस्तान के भारत विरोधी एजेंडे में उल्लझने से बचना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बाधे ने कहा कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल है। कोविड-19 जैसी महामारी की स्थिति में भी भारत के खिलाफ अपना एजेंडा चलाने से बाज नहीं आ रहा है। इस दुष्प्रचार के पीछे उसका मकसद अपने देश में हो रहे गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन से परिषद का ध्यान भटकाना है। पवन ने कहा कि वह मंच से पाकिस्तान को यह परामर्श देना चाहते हैं कि परिषद की प्रक्रिया और समय खराब ना करें। अपने यहां से सीमा पार जारी आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाए और अपने देश में हो रहे अल्पसंख्यकों के खिलाफ संस्थागत मानवाधिकार उल्लंघनों को रोके। भारत ने एक बार फिर दोहराया कि पाकिस्तान में दुनिया के सबसे ज्यादा घोषित आतंकी मौजूद है। आतंकियों को पाकिस्तान राजकोष से पेंशन देता है। पाकिस्तान के नेताओं ने खुद भी इस बात को स्वीकार किया है कि देश आतंकवादियों की फैक्ट्री बन चुका है।