यौन संबंध के बारे में वो बातें जो झूठ हैं

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हमारे देश में यौन संबंधों पर बात करने से लोग कतराते हैं. बात नहीं करने की वजह से जानकारी का आदान-प्रदान नहीं होता. ऐसे में कहीं से कुछ पता चलता है तो हम उसे ही सत्य मान लेते हैं. यौन संबंध को लेकर ऐसी ही बहुत सारी अवधारणाएं हमारे मन में घर कर जाती हैं. आइए हम आपको बताते हैं जो बिल्कुल गलत हैं…
अगर कोई बच्चा पूछे कि बच्चे कैसे पैदा होते हैं तो हम थोड़ा असहज होते हैं और संभालते हुए कहते हैं बच्चे भगवान बनाते हैं. जबकि बच्चे पति-पत्नी के मधुर मिलन की वजह से पैदा होते हैं. बच्चे कई सालों तक इसे सच मानते रहते हैं.
लोगों के मन में यह भी धारणा होती है कि दो कॉन्डम लगाने से वे ज्यादा सुरक्षित होते हैं जबकि दो कॉन्डम लगाने से दोनों कॉन्डम्स के बीच घर्षण होता है और वे फट सकते हैं.
बच्चों के मन एक और धारणा होती है कि बिना कपड़ों के पास-पास लेटने को ही यौन संबंध कहा जाता है जोकि बिल्कुल गलत है.
कई लड़कियों को या तो मैस्टरबेशन की कोई जानकारी नहीं होती. वहीं कुछ को लगता है कि हस्तमैथुन केवल लड़के करते हैं. यह भी सरासर गलत है.
संबंध बनाने के दौरान कॉन्डम का उपयोग ना करके डिस्चार्ज होने से पहले प्राइवेट पार्ट को बाहर निकालना कई लोग सुरक्षित समझते हैं. जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है.
सुबह लड़कों के प्राइवेट पार्ट में उत्थान एक जरूरी और सामान्य प्रक्रिया है. हालांकि नासमझी में कई किशोर इसे गलत मानने लग जाते हैं.
कई लोग अभी भी मानते हैं कि लड़की जब पहली बार संबंध बनाती है तो उसके प्राइवेट पार्ट से ब्लड निकलता ही है. जबकि यह सरासर गलत है. लड़की का हाइमन खेलने-कूदने के दौरान भी फट सकती है.

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