राज्यपाल राम नाईक ने आज इटावा के ग्राम नगरिया, भरथना में शान्ती पब्लिक स्कूल के स्थापना दिवस समारोह तथा स्वास्थ्य मेला का उद्घाटन किया।

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इटावा : राज्यपाल राम नाईक ने आज इटावा के ग्राम नगरिया, भरथना में शान्ती पब्लिक स्कूल के स्थापना दिवस समारोह तथा स्वास्थ्य मेला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आगरा से सांसद एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डाॅ0 रामशंकर कठेरिया, विधायक सदर सविता भदौरिया, विधायक भरथना सावित्री कठेरिया, विधायक जलेसर संजीव दिवाकर, स्कूल की अध्यक्षा डाॅ0 मृदुला कठेरिया, अशोक जैन, डाॅ0 एम0सी0 गुप्ता, डाॅ0 विद्याकांत तिवारी सहित बड़ी संख्या में विद्यालय के छात्र-छात्रायें एवं आमजन उपस्थित थे। राज्यपाल ने अपने सम्बोधन से पूर्व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कल आंधी-तूफान से हुई जान-माल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंनेप्राकृतिक आपदा से पीड़ित लोगों की सहायता के लिये मुख्यमंत्री से वार्ता की है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को बताया कि उन्होंने पीड़ितों की हर संभव सहायता के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
राज्यपाल ने स्वास्थ्य से संबंधित प्राचीन संस्कृत श्लोक को उद्धृत करते हुए कहा कि स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ देश एवं समाज का निर्माण करते हैं। हमारी भारतीय संस्कृति पूरे विश्व को एक परिवार मानती है। मेरा-तेरा की भावना से ऊपर उठकर लोकहित में कार्य करना ही हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है। राज्यपाल ने कहा कि स्वास्थ्य शिविर में चिकित्सकीय सुविधाओं का उपयोग करें तथा चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लायें। राज्यपाल ने उच्च गुणवत्तापरक शिक्षा जन-जन तक पहुंचाने के लिए विद्यालय के संस्थापक डाॅ0 रामशंकर कठेरिया सहित विद्यालय परिवार का अभिनन्दन करते हुये कहा कि विद्यालय के नाम के अनुरूप ही शिक्षा प्रसार का कार्य किया जा रहा है। राज्यपाल ने विद्यालय परिसर में लगे विभिन्न महापुरूषों के चित्रों को देखकर कहा कि हमारी युवा पीढ़ी महापुरूषों के दिखाये मार्ग पर चलकर प्रेरणा प्राप्त करे। उन्होंने कहा कि स्वयं शिक्षित होकर अपने क्षेत्र में शिक्षा के लिए प्रचार-प्रसार करके हम अपने क्षेत्र का विकास कर सकते है।
श्री नाईक ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब तक आप स्कूल में हैं तब तक छात्र धर्म का पालन करें तथा उसके अनुसार व्यवहार करें। उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए कहा कि जब श्रीराम वनवास को जा रहे थे तब उन्होंने अपने ‘पुत्र धर्म’ का पालन किया। उनके साथ भाई लक्ष्मण ने ‘भ्रात धर्म’ का पालन किया और पत्नी सीता ने ‘पत्नी धर्म’ का पालन किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि छात्र धर्म का मतलब है पढ़ाई करना। इसके साथ ही विद्यार्थी खेल, व्यायाम तथा अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भागीदारी करें, केवल किताबी कीड़ा न बनें। किताबी ज्ञान के साथ-साथ स्वस्थ शरीर का होना भी आवश्यक है। जब आपका दिमाग स्वस्थ रहेगा तब आप कार्य को बेहतर ढंग से कर सकेंगे। उन्होंने ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ श्लोक को उद्धृत करते हुये कहा कि निरंतर चलते रहने से ही जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
राज्यपाल ने विद्यालय में लगे संविधान शिल्पी डाॅ0 आंबेडकर के चित्र में लिखे नाम को देखकर कहा कि आम तौर से लोग डाॅ0 ‘भीम राव अम्बेडकर’ लिखते हैं, जो शुद्ध नहीं है जबकि ‘भारत का संविधान’ की मूल प्रतिलिपि (हिन्दी संस्करण) के पृष्ठ 254 पर डाॅ0 आंबेडकर द्वारा हस्ताक्षर में अपना नाम डाॅ0 ‘भीमराव रामजी आंबेडकर’ लिखा गया है। उन्होंने इसी दृष्टि से ‘डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा’ का नाम ‘डाॅ0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा’ करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भी प्रेषित किया था, जो अब विधेयक पारित होने से संशोधित हो गया है। उन्होंने बताया कि जब वे सांसद थे तब 1991 में डाॅ0 आंबेडकर के जन्म शताब्दी वर्ष में उनके नाम पर एक डाक टिकट जारी कराया था और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में डाॅ0 आंबेडकर का सही नाम लिखे जाने के लिये कार्य किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विद्यालय में एक बहुउद्देश्यीय हाॅल का शिलान्यास भी किया। कार्यक्रम में अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। स्वास्थ्य मेले में दिल्ली एवं आगरा से आये 45 चिकित्सकों के दल ने सैकड़ों लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर चिकित्सकीय परामर्श दिया तथा निःशुल्क औषधियाँ भी वितरित की गयी।

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