लखनऊ, कोरोना काल में लाकडाउन के दौरान बेटे की आर्थिक स्थित खराब होने से कमर टूटी तो वृद्ध पिता (रिटायर्ड आइपीएस) ने उसे सहारा दिया। बेटा अपनी पत्नी संग आकर दिल्ली से उनके साथ रहने लगा। पिता का आरोप है कि बेटे और बहू ने मौका पाते ही उनकी अलमारी में रखी गाढ़ी कमाई करीब 24 लाख रुपये की नकदी और लाखों के जेवर उड़ा दिए। इसके बाद दोनों दिल्ली चले गए। पीड़ित पिता ने गोमतीनगर विस्तार थाने में बेटे और बहू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इंस्पेक्टर विभूतिखंड पवन कुमार पटेल ने बताया कि रिटायर्ड आइपीएस मदन पाल शारदा अपार्टमेंट में रहते हैं। उनका बेटा रजत और बहू बरखा दिल्ली में रहते थे। बेटे और बहू से उनकी अनबन भी थी। बेटा बीते फरवरी माह में उनके पास आया और बोला कि कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान उसकी आर्थिक स्थित पूरी तरह से खराब हो गई है। वह पाई-पाई को मोहताज हो गया है। इसके बाद मदन पाल ने बेटे और बहू को अपने साथ रख लिया। दोनों रहने लगे और उनकी सेवा करते थें।
मदनलाल को बेटे और बहू पर विश्वास हो गया। 27 मार्च को मदन पाल कुछ काम से लखीमपुर खीरी गए थे। उन्होंने बताया कि 31 मार्च की रात बेटे रजत ने फोन किया कि उसे कुछ जरूरी काम है। वह पत्नी के साथ दिल्ली जा रहा है। चाभी पड़ोस में रहने वाले एक परिचित को दे दी है। मदनपाल एक अप्रैल को घर लौटे। पड़ोसी से चाभी लेकर घर खोला। इसके बाद उन्होंने अलमारी देखी तो उसमें रखे करीब 24 लाख रुपये और लाखों के जेवर गायब थे। बेटे को फोन किया तो उसने फोन रिसीव नहीं किया। इसके बाद कंट्रोल रूम को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मौके का निरीक्षण किया। इंस्पेक्टर ने बताया कि मदन पाल ने बेटे और बहू पर चोरी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। मामले में आरोपित रजत से भी बात की गई है उन्होंने दो-तीन दिन में दिल्ली से आने के लिए कहा है।