किफायती विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने शनिवार को मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर सी-प्लेन का परीक्षण शुरू कर दिया है. कंपनी ने मुताबिक, पानी और हवा दोनों में चलने वाले विमान का यह दूसरे चरण का परीक्षण है.
एयरलाइन ने कहा कि ये परीक्षण जापान की सेटोची होल्डिंग्स के साथ मिलकर किए जा रहे हैं और दोनों कंपनियां मिलकर पिछले छह महीनों से छोटे 10 और 12 सीटों वाले पानी और जमीन पर उतरने वाले विमानों का परीक्षण कर रही हैं, ताकि छोटे शहरों में भी हवाई यात्रा मुहैया कराई जा सके.
सी-प्लेन के परीक्षण के दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री पी अशोक गणपति राजू और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस विमान में सफर भी किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि नदियों के जरिए इस नई परिवहन व्यवस्था को विकसित किया जा सकता है, गंगा और ब्रह्मपुत्र का विकास सी-प्लेन के संचालन के लिए आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराएगा. साथ ही यमुना नदी के जरिए पर्यटक दिल्ली और आगरा के बीच आवाजाही कर सकेंगे. गडकरी ने सी-प्लेन को फ्लाइंग बोट बताया है.
सेटोची होल्डिंग्स क्वेस्ट ब्रांड के तहत पानी में और जमीन पर उतरने वाले विमानों का निर्माण करती है. दुनिया भर में पिछले 10 सालों से करीब 200 कोडियक क्वेस्ट विमान उड़ रहे हैं. इस बारे में स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने बताया, “सीप्लेन के परिचालन से देश के दूरदराज के क्षेत्रों को भी हवाई नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा, इससे वहां एयरपोर्ट और रनवे बनाने की भारी लागत की बचत होगी’.
अयज सिंह ने कहा कि हम दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उड्डयन बाजारों में से एक हैं, हमें देश के भीतर समान और समावेशी हवाई संपर्क मुहैया कराने की जरूरत है. हमारी सीप्लेन सेवा एयरलाइन और पर्यटन उद्योग दोनों के लिए एक नया बाजार खोलेगा और क्षेत्रीय संपर्क योजना में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगा. वर्तमान में स्पाइसजेट रोजाना 51 गंतव्यों के लिए औसतन 396 उड़ानों का परिचालन करती है, जिसमें से 44 घरेलू और 7 अंतर्राष्ट्रीय गंतव्य हैं.सी-प्लेन के परीक्षण के दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री पी अशोक गणपति राजू और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस विमान में सफर भी किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि नदियों के जरिए इस नई परिवहन व्यवस्था को विकसित किया जा सकता है, गंगा और ब्रह्मपुत्र का विकास सी-प्लेन के संचालन के लिए आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराएगा. साथ ही यमुना नदी के जरिए पर्यटक दिल्ली और आगरा के बीच आवाजाही कर सकेंगे. गडकरी ने सी-प्लेन को फ्लाइंग बोट बताया है.