राजधानी में गुरुवार को सम्पन्न हुई इन्वेस्टर्स समिट को बसपा सुप्रीमो मायावती ने फैशन बताते हुए सरकार की फिजुलखर्ची बताया।
शुक्रवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि बीजेपी तरह के आयोजन जनता का ध्यान सरकार की विफलताओं से हटाने के लिए किए जा रहे हैं। साथ ही बीजेपी सरकारों द्वारा यह ‘खाओ-पकाओं’ का एक नया साधन बन गया है।
प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेशक तभी आएंगे जब यहां अपराध पर नियंत्रण होगा। और फिलहाल कानून व्यवस्था अच्छी नहीं है, इसीलिए प्राइवेट निवेशक यहां आने में खास रुचि नहीं दिखा रहे।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी इन्वेस्टर्स समिट का बुखार सरकार पर चढ़ गया है। बसपा सुप्रीमो ने सरकार को ऐसे आयोजनों के बजाए किसानों व बेरोजगारों के हित में जनता की कमाई लगाने की नसीहत दी।
गौरतलब है कि यूपी सरकार ने प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिए 21 और 22 फरवरी को इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जबकि उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया।राजधानी में गुरुवार को सम्पन्न हुई इन्वेस्टर्स समिट को बसपा सुप्रीमो मायावती ने फैशन बताते हुए सरकार की फिजुलखर्ची बताया।
शुक्रवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि बीजेपी तरह के आयोजन जनता का ध्यान सरकार की विफलताओं से हटाने के लिए किए जा रहे हैं। साथ ही बीजेपी सरकारों द्वारा यह ‘खाओ-पकाओं’ का एक नया साधन बन गया है।
प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेशक तभी आएंगे जब यहां अपराध पर नियंत्रण होगा। और फिलहाल कानून व्यवस्था अच्छी नहीं है, इसीलिए प्राइवेट निवेशक यहां आने में खास रुचि नहीं दिखा रहे।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी इन्वेस्टर्स समिट का बुखार सरकार पर चढ़ गया है। बसपा सुप्रीमो ने सरकार को ऐसे आयोजनों के बजाए किसानों व बेरोजगारों के हित में जनता की कमाई लगाने की नसीहत दी।
गौरतलब है कि यूपी सरकार ने प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिए 21 और 22 फरवरी को इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जबकि उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया।