लखनऊ। राजधानी के 12 थाना क्षेत्रों में ताबड़तोड़ 50 से अधिक चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले हाईटेक चोर गिरोह को पुलिस ने दबोचा है। पुलिस से बचने के लिए ये ईमो एप के जरिये एक दूसरे के संपर्क में रहते थे और रेकी के लिए रिटायर्ड डिप्टी एसपी की कार का इस्तेमाल करते थे। इंदिरा नगर पुलिस और डीसीपी उत्तरी की क्राइम टीम ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सदस्यों के पास से दो कारें, एक बाइक सहित लाखों रुपये के जेवरात और अन्य चोरी का सामान बरामद हुआ है। इसमें एक लाइसेंसी रिवॉल्वर भी शामिल है। सभी को जेल भेज दिया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त, अपराध नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक यह गिरोह पिछले सात सालों से राजधानी में सक्रिय है। गिरोह के पांच सदस्यों को पुलिस ने बृहस्पतिवार देर रात दबोचा है। पकड़े गए शातिर चोरों में चिनहट के अनौराकला आश्रम रोड निवासी आशीष लोधी, बाराबंकी दुर्गा पुरवा का हनी उर्फ विक्की उर्फ इमरान, फतेहपुर बाराबंकी का पवन कुमार, लखपेड़ाबाग बाराबंकी का मेराज, गोमती नगर सरस्वती अपार्टमेंट निवासी साहेब आलम शामिल हैं। यह गिरोह चिनहट, गोमती नगर, इंदिरा नगर, गाजीपुर, महानगर, अलीगंज गुडंबा, जानकीपुरम मड़ियांव, विकासनगर और हसनगंज इलाके में सक्रिय था। चोरी की कार से वारदात को देते थे अंजाम डीसीपी उत्तरी शालिनी के मुताबिक यह गिरोह काफी शातिर है। गिरोह के कई सदस्य पहले भी जेल जा चुके हैं। वारदात को अंजाम देने के लिए गिरोह ने विकासनगर निवासी रिटायर्ड डिप्टी एसपी पीटर विजय की कार चुराई थी। वारदात के दौरान डिप्टी एसपी अपने बेटे से मिलने मुंबई गए थे। इस दौरान चोरों ने लाखों रुपये के जेवरात भी साफ किए थे। पुलिस ने गिरोह के पास से डिप्टी एसपी की कार भी बरामद की है। इसके अलावा एक अन्य कार और बाइक भी मिली है, जिससे गिरोह के सदस्य दिन में रेकी करते थे और रात को वारदात अंजाम देते थे। चिनहट में बनाते थे योजना एडीसीपी उत्तरी राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक वारदात की पूरी रूपरेखा और योजना आशीष के घर चिनहट में बनती थी। वहीं से तय किया जाता था कि किस थाना क्षेत्र की पास कॉलोनी को आज निशाना बनाया जाएगा। एडीसीपी के मुताबिक गिरोह के दो प्रमुख सदस्यों पर दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। हनी के खिलाफ 31 और आशीष पर 23 मुकदमा दर्ज है। गिरोह ने 27 मामलों में शामिल होने की बात कुबूल की है। दिन में रेकी रात में करते थे चोरी एसीपी गाजीपुर अमित राय के मुताबिक गिरोह वारदात को अंजाम देने से पहले दिन में रेकी करता था। इसके लिए सभी सदस्य कार में सवार होकर दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक पास कॉलोनियों में बंद मकानों की रेकी करते थे। 1 दिन में पांच मकान टारगेट करते थे। रेकी करने के बाद रात 2:00 बजे चिनहट से निकलकर अगले 2 घंटे के अंदर वारदात को अंजाम देकर वापस हो जाते थे। ईमो कॉलिंग और मैसेंजर पर करते थे संपर्क प्रभारी निरीक्षक इंदिरानगर धनंजय पांडेय के मुताबिक गिरोह के सदस्य हाईटेक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते थे। एक दूसरे से वारदात से पहले और वारदात के दौरान संपर्क करने के लिए इमो कॉलिंग और मैसेंजर का प्रयोग करते थे। ताकि पुलिस के सर्विलांस से बच सकें। इसका खुलासा आशीष लोधी और हनी के मोबाइल पर मिले कई मेसेज से हुआ। वारदात से पहले रेकी करते समय यह गिरोह इस बात का ख्याल रखता था कि उन्हीं घरों को टारगेट करना है, जिनके आस-पास सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। वारदात को अंजाम देने के समय गिरोह के सदस्य जैकेट व मास्क पहनते थे। कार व लाइसेंसी रिवाल्वर सहित लाखों का माल बरामद पुलिस के मुताबिक गिरोह के सदस्यों के पास से विकासनगर थाना क्षेत्र से चोरी हुई डिप्टी एसपी की कार, सेक्टर 25 इंदिरा नगर से चोरी की गई लाइसेंसी रिवॉल्वर कारतूस सहित लाखों रुपये का माल बरामद हुआ है। इसमें जेवर समेत पांच एलईडी टीवी, सात मोबाइल, इनवर्टर, चोरी करने के सामान व 36,400 नगद बरामद हुआ है। इस टीम ने किया खुलासा इंस्पेक्टर इंदिरानगर धनंजय पांडेय, दरोगा पन्ने लाल यादव, विनोद कुमार यादव, शैलेंद्र पांडेय, महिला दरोगा अनुपम पाल, मुख्य आरक्षी राम नरेश कनोजिया, कांस्टेबल दिग्विजय यादव, राघवेंद्र प्रताप सिंह, राशिद, शेर मोहम्मद, प्रभात कुमार मनजीत सिंह, मोहम्मद आजम खान और शमशाद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जेसीपी नीलाब्जा चौधरी ने पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे की तरफ से इस टीम को 25000 रुपये का इनाम दिया है।
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