सियोल, एपी। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने एक माह पहले नियुक्त किए गए वरिष्ठ वित्त अधिकारी को निकाल दिया। दरअसल किम जोंग देश के जर्जर आर्थिक हालात का आरोप कैबिनेट के सिर मढ़ रहे हैं। महामारी कोविड-19 के कारण सीमा बंद किया गया उसके कारण देश की इकोनॉमी तो हिली ही लेकिन फिर प्राकृतिक आपदा का प्रकोप व असफल डिप्लोमैसी ने हाल को और बदतर कर दिया।
बता दें कि नेता ने उम्मीद की थी कि उनके परमाणु कार्यक्रमों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लिया जाएगा लेकिन वह अभी तक खटाई में है। इसके अलावा महामारी के कारण सीमा बंद होना व प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों की बर्बादी से अर्थव्यवस्था और चरमरा गई।
मौजूदा चुनौतियों के कारण किम को सार्वजनिक रूप से पूर्व की आर्थिक योजनाओं की असफलता को स्वीकार करना पड़ा। जनवरी में ‘वर्कस पार्टी कांग्रेस’ की बैठक में पंचवर्षीय आर्थिक योजना पेश की गयी थी लेकिन बृहस्पतिवार को पार्टी की सेंट्रल कमेटी की बैठक में अब तक क्रियान्वित योजनाओं को लेकर किम की निराशा साफ तौर पर झलकी। किम ने बृहस्पतिवार की बैठक में कहा कि कैबिनेट अर्थव्यवस्था में जान डालने में नाकाम रही। केसीएनए के अनुसार किम तु द्वितीय की जगह अब ओ सु योंग को सेंट्रल कमेटी के आर्थिक मामलों के विभाग का नया निदेशक नियुक्त किया गया है।