लखनऊ उत्तर प्रदेश में मार्च के महीने में कोरोना वायरस फिर से सिर उठाने लगा है। काफी हद तक काबू में हो चुका संक्रमण अब फिर से बढ़ रहा है। प्रदेश के 10 जिलों में कोरोना के मरीज दोबारा बढ़ गए हैं। इसमें तीन जिले तो कोरोना मुक्त हो चुके थे, लेकिन अब यहां फिर से वायरस ने पांव पसार दिए हैं। नए मरीज ज्यादा मिलने से रिकवरी रेट की रफ्तार भी सुस्त हो गई है। कोरोना रोगियों की संख्या अभी भी लखनऊ में सर्वाधिक है। अब सिर्फ श्रावस्ती ऐसा जिला है, जो अब संक्रमण मुक्त हो चुका है।
एक से 16 मार्च के दौरान उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में मरीज बढ़े हैं। लखनऊ में 254 से बढ़कर 283 रोगी हो गए हैं। इसी तरह कानपुर में 49 से 76, गाजियाबाद में 41 से 106, नोएडा में 70 से 78, वाराणसी में 52 से 99, बरेली में 30 से 95, सहारनपुर में 18 से 26 और रायबरेली में मरीजों की संख्या 12 से बढ़कर 33 हो गई। महाराजगंज, महोबा व कासगंज कोरोना मुक्त हो गए थे, लेकिन अब फिर यहां नए रोगी मिल गए हैं।
रोगियों के स्वस्थ होने की रफ्तार घटी : फरवरी के दूसरे पखवाड़े और मार्च के पहले पखवाड़े के बीच रोगियों के स्वस्थ होने की रफ्तार घटी है। प्रदेश में 13 फरवरी को 3,098 एक्टिव केस थे, जो 28 फरवरी को घटकर 2,104 रह गए थे। 15 दिनों में 994 मरीज घटे थे। इसके बाद एक मार्च को 2,078 रोगी थे और अब 16 मार्च को 1,912 एक्टिव केस हैं। यानी 166 मरीज ही घटे।
डेढ़ माह बाद सर्वाधिक 228 रोगी मिले : उत्तर प्रदेश में चौबीस घंटों के दौरान करीब डेढ़ महीने बाद कोरोना के सर्वाधिक 228 नए रोगी मिले। इससे पहले बीती 30 जनवरी को 247 मरीज मिले थे। मार्च में ज्यादा मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। नए मिले मरीजों के मुकाबले कम रोगी स्वस्थ हुए। बीते 24 घंटे में 138 रोगी ठीक हुए जबकि दो मरीजों की मौत हो गई। कोरोना से अब तक कुल 8,750 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश में अब कोरोना के 1,912 एक्टिव केस हैं। बीते 24 घंटे में 1.03 लाख लोगों की कोरोना जांच की गई। अब तक कुल 3.29 करोड़ लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है।