नई दिल्ली, टेस्टिंग से लेकर वैक्सीनेशन तक तमाम प्रयासों में तेजी के बावजूद महामारी COVID-19 की जकड़न में फंसा देश छटपटा रहा है। इस क्रम में देश के अधिकांश हिस्सों में लॉकडाउन व कर्फ्यू जैसे फैसले लिए जा चुके हैं। कहां इस साल की शुरुआत में स्कूलों के भी खुलने के संकेत स्पष्ट तौर पर दे दिए गए थे लेकिन अब जब हर दिन एक लाख से अधिक कोविड-19 के नए मामले सामने आ रहे हैं तो लाचार हो फिर से शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्णय ले लिया गया। रोज आने वाले भयावह आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि देश कोरोना की दूसरी बड़ी लहर की चपेट में है। इससे बचाव को लेकर देश के सर्वाधिक संक्रमित राज्य महाराष्ट्र में तो वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू लगाया जा चुका है। देश की राजधानी दिल्ली में भी नाइट कर्फ्यू है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी आज यानि 8 अप्रैल से प्रशासन ने नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। कई अन्य राज्यों में भी वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो मात्र बुधवार को देश भर में कोविड-19 के कुल 1,26,789 नए मामले सामने आए और 685 संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही अब तक देश में संक्रमितों का कुल आंकड़ा 1,29,28,574 हो गया और कोरोना संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 1,66,862 हो गई।
कोरोना से बेहाल है महाराष्ट्र
देश के सर्वाधिक संक्रमित राज्य महाराष्ट्र में हालात बेहद खराब हैं। देश के कुल नए मामलों के 50 फीसदी से ज्यादा अकेले महाराष्ट्र से आ रहे हैं। उद्धव सरकार ने राज्य में वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू का भी ऐलान किया है। केवल बुधवार को महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के 59,907 नए मामले सामने आए। जबकि 30,296 लोग ठीक भी हुए। इसके साथ ही एक दिन में महाराष्ट्र में 322 लोगों की मौत हुई। महाराष्ट्र में अब तक कोरोना के 31,73,261 मामले आए और अब तक 56,652 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई।