लखनऊ। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाले डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की खून की जांच से पहले कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। रिपोर्ट आने तक मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाएगा। निगेटिव रिपोर्ट वाले मरीजों को डेंगू वार्ड में शिफ्ट कराया जाएगा। इसे लेकर निर्देश जारी हुए हैं। बरसात शुरू होने के साथ ही मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। वहीं, कोरोना के कहर के चलते सरकारी अस्पतालों में अभी तक पूरी तरह भर्ती तक नहीं शुरू हो सकी है। खून जांच की सुविधा भी ठप पड़ी है। अस्पताल में अभी सिर्फ इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों की जांच हो रही है। निर्देश जारी होने के बाद बलरामपुर, सिविल, बीआरडी महानगर और रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में डेंगू के बेड रिजर्व करने संग मच्छरदानी भी निकाल ली गई है। बलरामपुर-सिविल अस्पताल में अभी 30-30 बेड रिजर्व कर दिए गए हैं। डेंगू जांच के लिए किट भी मंगवा ली गई है। बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु ने बताया कि डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बावजूद वार्ड में शिफ्ट होने से पहले मरीजों की कोरोना जांच होगी। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर मरीज शिफ्ट होंगे। सिविल के निर्देशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था पुख्ता की जा रही है। डेंगू के अब तक 30 से अधिक मामले, नौ केस मलेरिया के जनवरी से लेकर जुलाई तक डेंगू के 30 से अधिक मामले आए हैं। अफसरों का कहना है कि इन मरीजों ने निजी अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराया था। जिनकी रिपोर्ट निजी सेंटर के जरिये भेजी गई है। इसमें कई मरीजों का नमूना दुबारा मंगवाकर जांच कराई गई। इसमें डेंगू की पुष्टि हुई। वहीं, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में हर दूसरे या तीसरे दिन एक मरीज मलेरिया का सामने आ रहा है।