नई दिल्ली/ चीन ने भारत की सीमा में प्रवेश किया था और भारतीय जवानों के साथ हैवानियत की।इसकी एक बार फिर से पुष्टि हो गई है।यह खुलासा एक और नए वीडियो के सामने आने पर हुआ है जिसे चीन ने जारी किया है।
चीन ने लद्दाख के गलवान घाटी में हुई पीएलए सैनिकों मौत की सच्चाई स्वीकारने के बाद हिंसा का एक वीडियो भी जारी किया। इस वीडियो में भारतीय सेना पर हमला करने का आरोप लगाने वाला चीन दरअसल अपने ही जाल में उलझ गया है।
सैटेलाइट इमेजरी और गूगल अर्थ के जरिए वीडियो का विश्लेषण करने के बाद चीन पर नजर रखने वाले एक सामरिक विशेषज्ञ ने दावा किया है कि भारत और चीन के बीच झड़प का यह स्थान एलएसी से लगभग 50 मीटर अंदर भारत की तरफ है जिसके बाद इस बात की पुष्टि हो रही है कि चीन ने जबरदस्ती भारतीय क्षेत्र में घुसने के बाद भारतीय सैनिकों पर हमला किया था।
भारतीय सीमा में घुसकर चीन ने किया था हमला
चीन मामलों के जानकार और ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के रिसर्चर नाथन रुसर ने दावा किया है कि जियोलोकेटर की मदद से पता चलता है कि झड़प वाली जगह भारतीय सीमा के अंदर लगभग 50 मीटर अंदर थी। एक चट्टान पर पहुंचने और नदी पार करने से पहले भारतीय सेनाओं के फुटेज में घाटी के दक्षिण की ओर चलते देख सकते हैं। मुझे विश्वास है कि वह पत्थर भारतीय सीमा में हरे रंग से घेरे गए स्थान पर स्थित है। ऐसे में यह दावा सही साबित होता दिखाई दे रहा है कि चीनी सेना ने भारतीय इलाके में घुसकर हमला किया था।
गलवान में भारतीय सेना ने दिया था करारा जवाब
भारतीय सेना ने गलवान में चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया था। यही कारण है कि चीनी सेना को यहां भारी नुकसान उठाना पड़ा था। भारतीय सेना के कई उच्च अधिकारियों ने भी यह स्वीकार किया है कि इस झड़प में चीन के कम से कम 50 जवान हताहत हुए थे। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी तास ने तो कुछ दिन पहले ही लिखा था कि गलवान में चीन के 45 सैनिकों की मौत हुई थी। हालांकि, तब से लेकर कलतक चीन इस हमले में अपने सैनिकों के मारे जाने की बात को स्वीकार करने से डर रहा था।
चीन ने क्यों किया गलवान में सैनिकों की मौत का खुलासा
दरअसल चीन लद्दाख में तनाव के शुरू होने के बाद से ही चौतरफा घिरा हुआ है। भारत की कड़ी जवाबी कार्रवाई ने तो पहले से ही पीएलए के सैनिकों के हौसले तोड़ दिए थे। इस बीच पैंगोंग झील से सैनिकों की वापसी को लेकर चीन की अपने ही देश में खासी आलोचना हो रही थी। इसमें बची हुई कसर रूस की न्यूज एजेंसी तास ने पूरा कर दिया। लोगों को तास की खबर पर इसलिए ज्यादा भरोसा है क्योंकि गलवान में हिंसक झड़प के बाद रूस के कहने पर भी भारत और चीन के बीच राजनीतिक स्तर पर पहली बातचीत हुई थी।
चीन ने वीडियो जारी कर दिखाई हिंसक झड़प
ग्लोबल टाइम्स ने गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई झड़प का वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो में नदी के किनारे चीनी पोस्ट दिखाई दे रही है। जिसके बाद के सीन में भारतीय सेना के एक अधिकारी आक्रामक चीनी सैनिकों के साथ खड़े दिखाई देते हैं। इस घटना के तुरंत बाद सैकड़ों की संख्या में चीनी सैनिक लाठी-डंडों के साथ भारतीय सैनिकों को घेरते नजर आते हैं। इसके बाद के सीन में कई चीनी सैनिक घायल अवस्था में जमीन पर पड़े हुए दिखाई देते हैं। वीडियो के अंत में गलवान हिंसा में मारे गए चीनी सैनिकों की तस्वीरों को दिखाया गया है।
चीन ने बताए मारे गए सैनिकों के नाम
चीन की सेना ने गलवान घाटी में भारतीय जवानों के हाथों मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और एक वीडियो भी जारी किया है। चीन ने मारे गए 4 सैनिकों के नाम भी बताए हैं। ये हैं-चेन होंगजून, चेन शिअंगरोंग, शियाओ सियुआन, वांग झुओरान। चीनी सेना ने कहा कि इन सैनिकों ने राष्ट्रीय संप्रभुता और अपनी जमीन की रक्षा करते हुए जान दे दी। मारे गए चीनी सैनिकों में एक बटैलियन कमांडर और तीन सैनिक थे। संघर्ष के दौरान चीनी सेना का रेजिमेंटल कमांडर गंभीर रूप से घायल हो गया था।
भारतीय सेना पर लगाया उल्टा आरोप
चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने कि फाबाओ को ‘हीरो’ के अवार्ड से सम्मानित किया है। चीन ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने अवैध तरीके से गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया था। चीनी सेना ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना स्टील की ट्यूब, लाठी और पत्थरों से पीएलए के सैनिकों पर हमला किया। चीनी सेना के अखबार पीएलए ने कहा, ‘अप्रैल 2020 से विदेशी सेना (भारत) ने पहले हुए समझौतों का उल्लंघन किया…वे सीमा में घुस आए ताकि सड़कें और पुल बनाया जा सके।’