तिनका-तिनका जमाकर अस्मिता, आस्था एवं गौरव का प्रतीक बनाने में जुटे हैं राम भक्त

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बेगूसराय, 06 फरवरी ।मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण निधि के लिए राम भक्तों की टोली गांव-गांव, घर-घर जाकर संग्रह कर रही है। इसे व्यवस्थित रूप से संपन्न करने के लिए संघ परिवार के तमाम कार्यकर्ता बानरी सेना की भांति लगे हुए हैं। विश्व हिंदू परिषद बेगूसराय के जिला मंत्री सह निधि संग्रह अभियान के जिला अभियान प्रमुख विकास भारती ने शनिवार को बताया कि सभी प्रखंडों में टीम घर-घर जाकर निधि संग्रह कर रही है। उन्होंने कहा कि 1528 में मुगल आक्रांताओं द्वारा प्रभु श्रीराम के पवित्र मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था, जो कि हिंदुओं की आस्था का केंद्र था। उस समय से ही देश के करोड़ों हिंदुओं ने अपनी आस्था एवं अस्मिता को याद रखते हुए करीब पांच सौ वर्षों तक संघर्ष कर भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण का संकल्प व्यक्त किया जो आज साकार हो रहा है। विश्व इतिहास में अपने आत्मसम्मान एवं अस्मिता के लिए इतने लंबे संघर्ष का इतिहास कहीं नहीं मिलता है। प्रभु श्रीराम भारत की आत्मा, भारत की परिभाषा हैं, वे हमारे राष्ट्रीय आदर्शों एवं जीवन मूल्यों के प्रतिनिधि हैं, जो हिंदुओं के होठों पर जन्म से लेकर मृत्यु तक रहे यही हर ह्रदय में प्रार्थना होती है। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि मंदिर निर्माण के पुनीत कार्य में तिनके की भांति सहयोग कर राम काज के सहभागी बन रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह एवं सह अभियान प्रमुख राजू कुमार ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक होगा। यह मंदिर विश्व में आपसी सौहार्द, भाईचारा,शांति, सद्भाव एवं आदर्श चरित्र के निर्माण का संदेश देकर भारत को पुनः विश्व गुरु की प्रतिष्ठा दिलाने का कार्य करेगा। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जनमानस की आस्था के प्रतीक और मानव चेतना के केंद्र बिंदु हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह का अभियान नहीं है। बल्कि गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को राष्ट्रीयता की भावना जगाने का प्रतीक है। परमात्मा के मंदिर निर्माण के लिए धन मांगने की जरूरत नहीं है, प्रभु के चरणों में लक्ष्मी निवास करती हैं। इस अभियान के माध्यम से देश के हर हिन्दुओं को राष्ट्र की अस्मिता एवं गौरव को बताना महत्वपूर्ण है, जिसमें लाखों राम भक्त लगे हुए हैं। मंदिर के निर्माण से दुनियां देखेगी कि कई विभिन्नताएं होने के बावजूद हिंदुस्तान कैसे एक साथ उठ खड़ा हो जाता है। क्रीड़ा भारती के जिला मंत्री सह जिला अभियान टीम के सदस्य रणधीर कुमार ने बताया कि प्रभु श्रीराम भारतीय राष्ट्रीय स्वाभिमान एवं राष्ट्र सेतु हिमालय से समुद्र पर्यंत तक जन-जन को एकात्मता के बंधन में बांधने वाले रक्षा सूत्र हैं। संघ परिवार ने इस अनुष्ठान को पूरा करने एवं मंदिर निर्माण के सहभागी होने का अवसर दिया है। हम सबका फर्ज है कि दिव्य एवं भव्य मंदिर निर्माण कार्य को सफल कर विश्व पटल पर आदर्श प्रस्तुत करें। मंदिर निर्माण से राम राज्य की दिशा में एक बार फिर से भारत कदम बढ़ाएगा। जिसकी कल्पना महाराजा कृष्ण देव राय, राजा राजेन्द्र चोल, वीर शिवाजी से लेकर पूज्य हेडगेवार, वीर सावरकर एवं महात्मा गांधी ने देखा था। प्रभु का यह मंदिर राष्ट्रीय गौरव एवं आदर्शों का प्रतीक होगा। जिस तरह 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने पर श्रीराम का भव्य स्वागत किया गया था। उसी प्रकार पांच सौ वर्षों के बाद मंदिर निर्माण के कार्य में हर सनातनी स्वेच्छापूर्वक तन-मन से निधि का समर्पण कर रहे हैं। यथा शक्ति तथा भक्ति की तर्ज पर राम के काज में आगे आकर अपनी जिंदगी को संवारने का काम हर किसी को करना चाहिए।

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