माधोटांडा सेला मियां उर्स सूखा आज कुल शरीफ कि रस्म अदा की गई इसमें लाखों लोग पहुंचे जोशीला मियां का उर्स 2 अप्रैल से शुरू होकर 6 अप्रैल को कुल शरीफ हो गया शीला मियां के उर्स में लाखों मुर्गों के हिसाब से कुर्बानी दी गई जिनकी मन्नते पूरी होती है सेला मियां की मजार पर मुर्गे मन्नत के हिसाब से मुर्गे चढ़ाए जाते हैं मुर्गे काटने के लिए 56 स्टॉल लगाए गए जिससे कोई मेले में गंदगी ना हो सके कमेटी के सदर अकील उर रहमान खान बा मेला मैनेजर अब्दुल खलीक खाँ शाहिद अबदुलफैमीदखा आदि लोग रहे सरपरस्त हाजी नवाब अली ह सैयद अरशद अली कुल शरीफ की फातिहा पढ़कर कोविड-19 केरोना बकुम के लिए हिंदुस्तान के लिए सलामती के लिए दुआएं मांगी गई जितने भी लाखों के हिसाब से मेले में हाजिरी उनके लिए दुआएं मांगी गई सैयद सेला मियां की दरगाह पर सब मानते हैं यहां पर कोई भी बदलाव नहीं है दरगाह पर हर बिरादरी का इंसान मुर्गे लेकर मुर्गे की कुर्बानी दी जाती है बहुत बहुत दूर से लोग मेले में आते हैं राजस्थान नेपाल उत्तराखंड काफी आदमी आते हैं सेला मियां की दरगाह पर हर किसी की मुराद पूरी होती है जो दिल से मांगता है उसकी मन्नत पूरी होती है पूरी होने पर मुर्गा चढ़ाया जाता है यह60 ब, उर्स की कुल शरीफ के साथ खत्म हो गया सेला मियां का हर साल होली के बाद जो जुम्मा पड़ता है उस जुम्मे से उर्स शुरू होता है