लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रविवार को हुई बारिश के दौरान गिरी आकाशीय बिजली कई परिवारों के लिए मातम बन गई. राज्य के अलग-अलग जिलों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 37 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलस गए. अकेले प्रयागराज में आकाशीय बिजली गिरने से 2 मासूम बच्चों सहित 13 लोगों की मौत हुई है. जिले में आठ मवेशी भी आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मारे गए हैं.
कानपुर देहात में पांच लोगों की मौत
कानपुर देहात में भी 2 महिलाओं सहित 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3 लोग गंभीर रूप से झुलस गए. इसके अलावा फिरोजाबाद में 3 और कौशांबी में 2 लोगों की मौत हो गई. वहीं मिर्जापुर में एक बच्चे की झुलसने से मौत हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आकाशीय बिजली की चपेट में आकर हुई मौतों का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है. घायलों को समुचित इलाज के लिए कहा है.
प्रयागराज में मौत लेकर आई बारिश
प्रयागराज के कोरांव थाना क्षेत्र के भागेश्वर गांव में बकरी चराने गए दो बच्चे बारिश के दौरान आम के पेड़ के नीचे बैठे थे तभी आकाशीय बिजली गिरी. इसकी चपेट में आने से 11 साल के पुष्पेंद्र और 12 साल के रामराज की मौत हो गई. महुली गांव में एक 55 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई. शंकरगढ़ थाना क्षेत्र भीतरिया कला गांव निवासी होमगार्ड कामता प्रसाद सिंह पटेल की मौत हो गई. वहीं सोरांव थाना इलाके में एक महिला की भी मौत हो गई.
फिरोजाबाद में तीन किसानों की मौत
फिरोजाबाद के नगला उमर गांव में हेमराज और रामपाल नाम के दो लोगों की मौत हो गई. ये दोनों ही खेत में पशुओं के लिए चारा लेने गए थे, इसी बीच बारिश होने लगी. बारिश से बचने के लिए दोनों किसान खेत के पास लगे नीम के पेड़ के नीचे बैठ गए. थोड़ी देर बाद हेमराज खेत में तोड़ी गई सब्जियों को ढंकने के लिए चले गए. उनकी मदद के लिए रामसेवक भी साथ गए. दोनों जैसे ही खेत में पहुंचे, आकाशीय बिजली गिर गई और वे मारे गए. वहीं गांव नगला चांट में धान की रोपाई कर रहे किसान की मौत हो गई.
वेस्ट यूपी में बादलों की आंख-मिचौली
रविवार सुबह से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आसपास के जिलों में मौसम में काफी उमस और गर्मी रही. मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी करते हुए अगले 6 दिनों तक बारिश की संभावना जताई है. मोदीपुरम कृषि अनुसंधान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एन सुभाष ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से चलकर आने वाली नम हवाएं दिल्ली-एनसीआर में पहुंचनी शुरू हो गई हैं. उम्मीद है कि दक्षिण पश्चिम मानसून पश्चिमी यूपी के साथ ही दिल्ली, राजस्थान और पंजाब को भी सराबोर करेगा.