समाजवादी विचारधारा को आतंकी बताने पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा है कि समाजवादी विचारधारा को आतंकवादी बताना आजादी के आंदोलन का अपमान है। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को समाजवादियों पर आपत्तिजनक और अनैतिक बयान देने के लिए माफी मांगनी चाहिए। अखिलेश रविवार को गोमती नगर में वरिष्ठ समाजवादी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के आवास पर उनके 78वें जन्मदिन पर बधाई देने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
अखिलेश ने सीएम के बयान की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा, आरएसएस आजादी के आंदोलन में दूर-दूर तक शामिल नहीं रहे इसलिए वे उसके मूल्यों एवं आदर्शों से अनभिज्ञ हैं। समाजवादियों पर मुख्यमंत्री स्तरहीन और अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
बोले, भाजपा अपने आचरण से लोकतंत्र का मजाक बना रही है। मुख्यमंत्री को जनहित में काम करना चाहिए। वे सिर्फ सपा को कोसने को ही अपना काम समझते है। उन्होंने कहा कि भाजपा विकास विरोधी पार्टी है। वह पिछड़ों, दलितों, गरीबों और किसानों की दुश्मन है। केंद्र सरकार ने जनहित में कोई काम नहीं किया है। किसानों को धोखा दिया हैं। सपा के कामों को ही भाजपा अपने काम बताती है।
समाजवादी सरकार के एक्सप्रेस-वे और लैपटाप जैसे बड़े कामों को जनता आज भी याद करती है। इस मौके पर बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेश वर्मा, पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी व एमएलसी राजेश यादव भी मौजूद थे।
बच्चों को आतंकित कर परीक्षा से वंचित किया
पत्रकारों से मुखातिब अखिलेश यादव।
सपा अध्यक्ष ने पूछा कि केंद्र सरकार ने चार वर्षों में प्रदेश में कितना निवेश किया है? यूपी में विकास का क्या काम किया है ? नौजवान रोजगार न मांगे इसलिए बच्चों को आतंकित कर उनको परीक्षाओं से वंचित कर दिया गया है।
भाजपा खुद परिवारवादी
अखिलेश ने कहा कि भाजपा स्वयं परिवारवादी पार्टी है। सपा पर आरोप लगाने से पहले भाजपा को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। भाजपा के बड़े नेताओं के पुत्र-पौत्र-पुत्रियां महत्वपूर्ण ओहदों पर बैठाए गए हैं। भाजपा समाज को बांटने वाली पार्टी है। सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ना और जाति-धर्म का उन्माद फैलाना उसकी फितरत में है।