अश्विन मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी श्राद्ध को पितृ दिवाली के नाम से भी जाना जाता है इस दिन तर्पण के साथ दीपदान करने का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस प्रकार से मान प्रतिष्ठा धन और वंश की वृद्धि होती है। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में आज पितरों की शांति हेतु 251 दीप जला कर पितरों की शांति हेतु दीपदान किया गया ।इस अवसर पर मन्दिर के पुजारी सहित अनेकों नागरिकों ने मन्दिर परिसर में दीप जला कर पितरों की आत्मा की शांति और परिवार की खुशहाली की प्रार्थना के साथ दीप दान में सहयोग किया।