63 किमी लंबे लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर निजी कंपनी 3100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसकी वजह यह है कि इस एक्सप्रेस-वे को एनएचएआई हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर बनाएगी।
वहीं, निर्माण प्रक्रिया शुरू करने के लिए टाइमलाइन भी तय कर ली गई है। 31 दिसंबर तक डीपीआर फाइनल कर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
31 मार्च तक इसे खत्म कर निर्माण करने वाली कंपनी को फाइनल कर लिया जाएगा। साथ ही यह भी तय हो गया कि पूरा एक्सप्रेस-वे एक ही कंपनी बनाएगी। जमीन अधिग्रहण के मुआवजे सहित कुल 4700 करोड़ रुपये इस एक्सप्रेस-वे पर खर्च हो रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि हाइब्रिड एन्युटी मॉडल में निर्माण पूरा होने पर 40 प्रतिशत निवेश एनएचएआई वापस भुगतान करेगा। बाकी 60 प्रतिशत को 15 वर्षों में दिया जाना है।
यह भुगतान ब्याज सहित वापस किया जाएगा। केंद्र सरकार से तय दर मुताबिक यह बैंक रेट से तीन प्रतिशत अधिक दिए जाने का नियम है।
ऐसे में 3100 करोड़ रुपये में निर्माण पूरा होने पर करीब 1240 करोड़ रुपये एनएचएआई को कंपनी को देने होंगे। वहीं, पूरे 15 साल तक रख-रखाव की जिम्मेदारी कंपनी की होगी। इसके लिए एनएचएआई कंपनी को बजट देगा। इसके लिए टेंडर के अनुबंध के समय ही शर्तें तय रहेंगी।
एनएचएआई वसूलेगा टोल
एनएचएआई के परियोजना निदेशक एनएन गिरि ने बताया कि एक्सप्रेस-वे का काम एक ही कंपनी को इसलिए दिया जा रहा है कि निवेश और रखरखाव दोनों आसान रहे। वहीं, टोल कलेक्शन एनएचएआई अपने पास ही रखेगा। इसकी आय से कंपनी के 60 प्रतिशत बकाया का भुगतान होगा।
ननेशनल हाईवे का दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू
31 मार्च से लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रस्तावित है। ऐसे में इसे नेशनल हाईवे का दर्जा देने की प्रक्रिया भी एनएचएआई ने शुरू कर दी है। इसी महीने के अंत तक इसे यह दर्जा देकर शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।
63 किमी में केवल पांच जगह से प्रवेश-निकासी
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे पूरी तरह पहुंच नियंत्रित बनाया जाएगा। ऐसे में लखनऊ से कानपुर के बीच केवल पांच जगह ही प्रवेश और निकासी दी जाएगी। लखनऊ में नादरगंज से इसकी शुरुआत होगी। कानपुर में ट्रांसगंगा सिटी के नजदीक इसे जोड़ा जाना है। इस बीच कानपुर रोड उन्नाव पर लालगंज, लखनऊ में मोहान रोड और मोहनलालगंज रोड पर प्रवेश-निकासी दी जाएगी।
एक-दूसरे के विकास में भी सहयोगी बनेंगे लखनऊ-कानपुर
सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के लिए टेंडर की प्रक्रिया मार्च तक पूरी कर 31 मार्च से सिविल वर्क किया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई प्रक्रिया पूरी कर रहा है। जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से कानपुर और लखनऊ के बीच आवागमन आसान होगा। लखनऊ और कानपुर एक दूसरे के विकास में भी सहयोगी बनेंगे।
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