लखनऊ। पुलिस चाहती है तो राजनेताओं की भैंस तक ढ़ूंढ़ लाती है पर एक आम आदमी की बेटी पिछले 35 दिनों से लापता है लेकिन राजधानी की पुलिस घोडे बेच कर सोई हुई है। शनिवार को यूपी प्रेस क्लब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आला अधिकारियों से गुहार लगाते हुए माही वर्मा के माता पिता ने दर्द भरा दुखड़ा बताया। मां रीता वर्मा ने बताया कि गत 30 जून की शाम की शाम को माही साइकिल लेकर घर से निकली थी लेकिन आज तक वापस नहीं आई। उसी दिन शाम को गाज़ीपुर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई और रात लगभग ढाई बजे उसकी साइकिल भूतनाथ बाजार के पास से पुलिस को मिली परन्तु मेरी बेटी का आज तक पता नहीं चला। रोती-बिलखती माँ ने कहा कि तब से हम लगातार थाने के चक्कर लगा रहे है और पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है। किसी पारिवारिक रंजिश से इंकार करते हुए माही के पिता अरविन्द वर्मा ने बताया कि छानबीन के नाम पर पुलिस ने मेरा लैपटॉप 3 जुलाई को लिया था और आज तक उसकी फॉरेंसिक जाँच ही चल रही तथा लैपटॉप वापस भी नहीं किया गया। सीएम योगी से गुहार लगाते हुए पीड़ित माता-पिता ने कहा कि यदि पुलिस को लैपटॉप से कोई सुराग नहीं मिल रहा तो पुलिस अन्य किसी तरीके का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि अगर ये बेटी किसी आला अधिकारी या मंत्री की होती तो पुलिस आनन-फानन में ढूंढ लेती लेकिन आम आदमी की चिन्ता या परेशानी से सरकार को कोई मतलब नहीं है।
पीड़ित परिवार को सहयोग कर रही नेशनल हृयुमन राइट्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्षा नलिनी छाबड़ा ने कहा कि प्रसाशन के उदासीन रवैये के कारण स्थिति यहाँ तक पहुँच गई कि माँ-बाप को अपनी गुहार लगाने के लिए प्रेस क्लब में कांफ्रेंस करनी पड़ रही है।