प्रदेश में बीते आठ वर्षों में गांवों की बिजली 500 व शहरी बिजली 84 फीसदी तक महंगी हुई है। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू मीटर्ड उपभोक्ताओं की दरें 500 फीसदी तक बढ़ी हैं जबकि ग्रामीण अनमीटर्ड घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 300 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है। शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 84 प्रतिशत तथा अनमीटर्ड किसानों की दरों में 126 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।यही नहीं, ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के फिक्स चार्ज में 500 प्रतिशत तथा शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के फिक्स चार्ज में 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बुधवार को ये आंकड़े ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के समक्ष रखते हुए इस साल बिजली दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि रोकने की मांग की।उन्होंने ऊर्जा मंत्री से को इस संबंध में लोकमहत्व जनहित प्रस्ताव सौंपते हुए बिजली दरों में कमी कराने की पहल करने की मांग की। वर्मा ने ऊर्जा मंत्री को 2012 और 2020 में प्रभावी बिजली दरों का तुलनात्मक चार्ट भी सौंपा। उन्होंने कहा कि भले ही सरकार को लगता है कि दरों में बहुत ज्यादा वृद्धि नहीं की गई है लेकिन बीते आठ वर्ष के आंकड़े साबित करते हैं कि उपभोक्ताओं पर बोझ काफी बढ़ गया है। ऐसे में और वृद्धि हुई तो उपभोक्ताओं की कमर टूट जाएगी। राज्य सरकार को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए बिजली दरों में वृद्धि रोकने के लिए नियामक आयोग से सिफारिश करनी चाहिए। ऊर्जा मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और उपभोक्ताओं के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।
आसान किस्त योजना 31 जुलाई तक बढ़ी
किसानों की सहूलियत के लिए ऊर्जा विभाग ने किसान आसान किस्त योजना 31 जुलाई तक बढ़ा दी है। यह जानकारी देते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि निजी नलकूपों के बकाया बिलों का भुगतान आसान किस्तों में ब्याज माफी के साथ करने के लिए 1 फरवरी से यह योजना शुरू की गई थी। इसका लाभ लेने वाले किसानों का 31 जनवरी 2020 तक का ब्याज माफ किया जा रहा है साथ ही किसानों को छह किस्तों में बिल का भुगतान करने की सुविधा दी गई है। अब तक 4.16 लाख से ज्यादा किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण जो किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा पाए हैं, उनकी सुविधा के लिए इस योजना की अवधि बढ़ाने का फैसला किया गया है। आसान किस्त योजना में पंजीकृत जो उपभोक्ता फरवरी से जून के बीच अपनी मासिक किस्तों का भुगतान नहीं कर सके हैं, उनकी वैधता बढ़ा दी गई है, बशर्तें वे जुलाई से अपनी किस्तें नियमित रूप से जमा करें।