सारांश
जय प्रकाश नरायन इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) में न्यूनतम काम करा प्रोजेक्ट को उपयोगी बनाने के लिए भी 86 करोड़ रुपये लागत बढ़ सकती है। एलडीए की तैयार नई संशोधित डीपीआर में प्रोजेक्ट लागत बढ़कर 951 करोड़ रुपये हो रही है
विवरण
नवागत वीसी अक्षय त्रिपाठी ने जेपीएनआईसी को उपयोगी बनाने के लिए बुधवार को पूरे प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इस दौरान प्रोजेक्ट को उपयोगी बनाने के लिए बनी योजना का प्रजेंटेशन भी लिया।
वीसी का कहना है कि न्यूनतम काम कराने के साथ बिल्डिंग को पूरा करने के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होगी। इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद जो भी निर्देश मिलेंगे। उसके मुताबिक, प्रोजेक्ट का काम पूरा कराया जाए।
जेपीएनआईसी पर संभावित विधिक स्थिति और अन्य पहलुओं का भी परीक्षण कराया जा रहा है। इसके बाद अंतिम रूप से रिपोर्ट बनाकर शासन को जल्द भेज दी जाएगी। वीसी को दिए गए प्रजेंटेशन में प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में 975 करोड़ रुपये की संशोधित डीपीआर भेजी गई थी। इसमें से 24 करोड़ रुपये के काम घटाए गए हैं। इसमें फर्नीचर खरीदकर लगाने और दूसरे फिनिशिंग के काम शामिल थे। पूर्व के स्वीकृत बजट 865 करोड़ रुपये में से एलडीए को 813 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। ऐसे में 42 करोड़ रुपये अभी मिलना बाकी हैं। करीब 95 प्रतिशत काम प्रोजेक्ट में पूरा हो चुका है।
मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद आई तेजी
प्रोजेक्ट को उपयोगी बनाने में अधिकारियों के विफल रहने पर पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद से प्रोजेक्ट से जुड़े एलडीए और शासन के अधिकारियों ने इसे उपयोगी बनाने के लिए कवायद को तेज किया है। नवागत वीसी को भी शासन से निर्देश है कि प्रोजेक्ट को जल्द उपयोगी बनाया जाए।
ऑपरेटर को अब करना होगा खर्च
एलडीए के नए प्रस्ताव के मुताबिक, अब मौजूदा या नए ऑपरेटर को काम शुरू करने के लिए निवेश भी खुद करना होगा। उसे शुरूआती या कुछ समय बाद फर्नीचर व दूसरे फिनिशिंग के काम करने की सहूलियत होगी। यह फर्नीचर गेस्ट हाउस ब्लॉक और स्पोर्ट्स ब्लॉक में लगाया जाना बाकी है। संभावना यह भी है कि नए ऑपरेटर का भी चयन दोबारा से किया जाए। ऐसा नई शर्तों के बनाए जाने की वजह से होगा।
एलडीए जमीन के बदले मांगेगा कमाई में हिस्सा
जेपीएनआईसी भले ही शुरू करने को अधिकारी उचित योजना नहीं बना पा रहे हों। इसके उलट जेपीएनआईसी से भविष्य में होने वाली आय के लिए योजना जरूर बनने लगी है। एलडीए से जो जमीन जेपीएनआईसी बनाने के लिए मुफ्त में दी गई। उसके बदले एलडीए आय में हिस्सेदारी चाहता है। ऐसे में एक प्रस्ताव भी एलडीए बनाकर शासन को भेज रहा है।
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