भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) पूर्वोत्तर क्षेत्र में नदियों की गाद की साफ-सफाई और उनके रखरखाव के लिए 200 करोड़ रुपये का ठेका देगा। प्राधिकरण नौकाओं के सुचारू नौकायन के लिए नदियों के तल से न्यूनतम 2.5 मीटर का जलस्तर बनाए रखना चाहता है। एक अधिकारी ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य निजी पोतों को भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग के जरिये देश के जल क्षेत्र का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है।
कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के चेयरमैन एवं आईडब्ल्यूएआई के अंशकालिक सदस्य विनीत कुमार ने कहा, ‘‘प्राधिकरण पूर्वोत्तर क्षेत्र में पांडू और धुबरी जैसे हिस्सों में गाद साफ करने और रखरखाव के लिए तीन वर्ष के भीतर 200 करोड़ रुपये खर्च करेगा।’’
इसके साथ ही कुमार ने यह साफ किया कि यह अनुबंध भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग में नदियों की सफाई के लिए बांग्लादेश को आवंटित अनुदान का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस जलमार्ग के कुछ संकरे हिस्सों की साफ-सफाई के लिए यह राशि खर्च की जा रही है।