अगले साल तक यूपी समेत नौ राज्यों में घर-घर पहुंचेगा पानी का कनेक्शन

0
513

भारत सरकार के जल जीवन मिशन के तहत यूपी में अगले साल के अंत तक हर घर में पानी का कनेक्शन पहुंचेगा। सरकार की योजना इस वर्ष बिहार, गोवा, पुडुचेरी और तेलंगाना में घर-घर में पानी पहुंचाने की है, तो अगले साल यूपी के अलावा हरियाणा, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, पंजाब, गुजरात, मेघालय व सिक्किम को जल आच्छादित करने का इरादा है।

इस योजना से न सिर्फ साफ जल, बल्कि रोजगार के भी कई मौके पैदा होंगे। सरकार ने 2024 तक हर व्यक्ति को रोज 55 लीटर स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने का बीड़ा उठाया है। इस योजना पर सरकार 3.6 लाख करोड़ खर्च करेगी। माना जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए यह योजना मनरेगा जितनी ही महत्वपूर्ण होगी। इसके दम पर 2009 में यूपीए सरकार दोबारा चुनकर आई थी। 
केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल 2019 को देश में 19.04 करोड़ ग्रामीण घर थे। इनमें से मात्र 3.23 करोड़ घरों में ही पानी कनेक्शन था यानी 15.81 करोड़ घरों में पानी का नल ही नहीं था। लेकिन 1 अप्रैल 2020 को ऐसे घरों की संख्या बढ़कर 4.08 करोड़ हो गई। अब हर वर्ष 4 को घरों को पानी पहुंचाने का लक्ष्य बनाया गया है। मालूम हो कि पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी।
मिशन के निदेशक भरत सिंह के मुताबिक, हर गांव में लगभग 20 से 25 लाख रुपये का निवेश होगा। इस काम में मनरेगा ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन, जिला खनिज विकास फंड, सीएसआर फंड, अनिवार्य वृक्षारोपण (कैंपा) फंड, स्थानीय क्षेत्र विकास खंड जैसी योजनाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। साथ ही केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा ग्रामीण अंचलों के लिए प्रदत 60,750 करोड़ रुपये वार्षिक की राशि में से आधी राशि जल जीवन मिशन में खर्च होगी।

हर गांव में बनेगी जल समिति

हर गांव में जल समिति बनाकर निर्माण कार्य की निगरानी की जाएगी। निर्माण की गुणवत्ता तय करने को ठेका राज्य स्तर से दिया जाएगा। उसके लिए आइटम रेट कॉन्ट्रैक्ट कर निर्माण कंपनियों का तकनीकि होगा। ठेका दिए जाने से सबसे कम लागत के बराबर कीमत कोट करने का एक और मौका मिलेगा।

प्रशिक्षण और प्रोत्साहन

जल की आपूर्ति निर्बाध हो या सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर गांव में 5 महिलाओं की एक समिति बनाकर उन्हें मोटर चलाने से लेकर नल ठीक करने तक हर बात का प्रशिक्षण दिया जाएगा। समय पर निर्माण और आपूर्ति शुरू होने करने वाले गांवों को निर्माण राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा प्रोत्साहन के रूप में मिलेगा जिससे पेयजल आपूर्ति का प्रबंधन और रिपेयर कर सकेंगे।
 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here