आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हादसे के बाद मोबाइल काम नहीं कर रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। पांच मिनट में पुलिस और एंबुलेंस सहायता के लिए पहुंचेगी। उन्हें सूचना देने के लिए एक्सप्रेस-वे पर हर पांच किलोमीटर पर पब्लिक टेलीफोन बूथ लगाए गए हैं, यह सुविधा निश्शुल्क होगी।
हादसे रोकने के लिए किए प्रबंध
एक्सप्रेस-वे पर हादसों को रोकने के लिए यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने काफी प्रबंध किए हैं। अप-डाउन लेन पर हर तीन किलोमीटर में क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं। अगर हादसा हो जाए, तुरंत सहायता पहुंच सके, इसके लिए अब हर पांच किलोमीटर के दायरे में पब्लिक टेलीफोन बूथ बनाया गया है। इस बूथ से पुलिस कंट्रोल रूम, एंबुलेंस सहायता और यूपीडा हेल्पलाइन को किसी भी समय कॉल की जा सकती है। समय पर सहायता पहुंचे, इसलिए बूथ पर ही एक्सप्रेस-वे के किनारे पुलिस पेट्रोलिंग और एंबुलेंस के ठहरने के लिए प्वाइंट निर्धारित किए गए हैं।
जीपीएस पर आधारित हैं फोन बूथ
सभी टेलीफोन बूथ जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) पर आधारित हैं। ऐसे में कॉल करते ही कॉलर की लोकेशन ट्रेस हो जाएगी और एंबुलेंस और पुलिस तुरंत पंहुचेगी। हादसे की जांच के लिए कैमरे की फुटेज को भी कंट्रोल रूम से देखा जा सकता है। इन टेलीफोन बूथों को ओएफसी (ऑप्टिकल फाइबर केबल) से जोड़ा गया है। ये सिस्टम सौर ऊर्जा से चलेंगे। हां, इस बूथ से पुलिस, एंबुलेंस और यूपीडा हेल्पलाइन के अतिरिक्त अन्य कोई कॉल नहीं होगी। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी शिवेंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि यूजर्स की सुविधा के लिए एक्सप्रेस-वे को हाइटेक किया गया है। किसी भी समय सहायता के लिए टेलीफोन बूथ बनाये गए हैं। 108 सेवा के अलावा यूपीडा ने भी एंबुलेंस रेस्क्यू सेवा