बृहस्पतिवार को चार दिवसीय विशेष गुरमत समागम का आखिरी समागम ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव जी,नाका हिंडोला, लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर सायं 6.15 बजे श्री रहिरास साहिब के पाठ से दीवान आरम्भ हुआ जो रात्रि 9.00 बजे तक चला जिसमें रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुरवाणी में शबद कीर्तन गायन एवं समूह संगत को निहाल किया।शिरोमणि सम्प्रदायी टकसाल शहीद भाई मनी सिंह जी अमृतसर पंजाब के 11वें मुखी बाबा मक्खन सिंह जी ने प्रभु के नाम की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरु वाणी का फरमान है कि ” सरब धर्म में श्रेष्ठ धर्म हर को नाम जप निर्मल कर्म “गुरु महाराज फरमान करते हैं कि सबसे श्रेष्ठ धर्म प्रभु के नाम का सिमरन करना है उसकी याद करना है और उसकी याद को हृदय में बसाना है और जिस ह्रदय में परमात्मा रहेगा परमात्मा की याद रहेगी उस हृदय में दया और करुणा रहेगी और जिस हृदय में दया और करुणा रहेगी वह संसार के लोगों की भलाई का काम करेगा वह मनुष्य सदैव जनकल्याण के कार्यों में लगेगा लोगों की भलाई और सुख के कामों में लगेगा !! गुरु महाराज हम सब को उपदेश देते हैं हम सब प्रभु के सिमरन से जुड़े प्रभु की याद से जुड़े।
दीवान समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी एवं ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव जी,नाका हिंडोला के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा जी ने समूह संगत की ओर से बाबा मक्खन सिंह जी के लखनऊ आगमन पर हार्दिक आभार प्रकट किया और उन्हें गुरु घर का सम्मान सिरोपा एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मंच का संचालन सतपाल सिंह मीत जी ने किया उसके उपरांत छोले चावल का लंगर समूह संगत में वितरित किया गया।
सिखों के आठवें गुरु श्री गुरु हरिकिशन साहिब जी महाराज का प्रकाश पर्व दिनांक 22.07.2022 को सायं 6.15 बजे से 9.30 बजे गुरुद्वारा साहिब में मनाया जायेगा समाप्ति के उपरांत गुरु का लंगर वितरित किया जायेगा।