अल्पिका, कलाश्रम और उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी का संयुक्त आयोजन, पं.बिरजू महाराज की कथक कार्यषाला प्रारम्भ

0
119

तीस को ‘महफिल-2018’ में विषिष्ट संस्मरणों के बीच प्रतिभागियों की प्रस्तुति
लखनऊ, कथक का पर्याय बन चुके पद्मविभूषण बिरजू महाराज के मार्गदर्षन में चल रही कथक की सघन कार्यषाला ‘आंगिकम्-2018’ आज से संगीत नाटक अकादमी भवन गोमतीनगर में प्रारम्भ हो गयी। यह पंचदिवसीय कार्यषाला इस वर्ष अल्पिका लखनऊ, कलाश्रम दिल्ली और उत्तरप्रदेष संगीत नाटक अकादमी के संयुक्त प्रयासों से हो रही है। कार्यषाला षुभारम्भ के मौके पर आज यहां अकादमी भवन पूर्वाभ्यास कक्ष में अकादमी अध्यक्ष व पूर्व कुलपति भातखण्डे संगीत संस्थान विष्वविद्यालय पूर्णिमा पाण्डेय, अकादमी सचिव रूबीना बेग भी उपस्थित रहीं।
कार्यषाला संयोजिका उमा त्रिगुणायत व सहसंयोजिका नृत्यांगना रेनू षर्मा ने बताया कि कार्यषाला में स्थानीय व प्रदेष के अन्य षहरों के साथ ही मध्यप्रदेष, गुजरात व महाराष्ट्र आदि के प्रतिभागी षामिल हो रहे हैं। महाराजजी के कहे अनुसार प्रतिभागियों के वर्ग तय करके उनका समय भी तय कर दिया गया है साथ ही आज से कार्यषाला की प्रारम्भिक कक्षाएं भी प्रारम्भ हो गई हैं। कल से स्वयं बिरजू महाराज और उनकी प्रमुख षिष्या षाष्वती सेन कक्षाओं में प्रषिक्षण प्रारम्भ करेंगी। इस प्रस्तुतिपरक कार्यषाला के अंत में 30 नवम्बर को संत गाडगे प्रेक्षागृह गोमतीनगर में षाम पांच बजे से ‘महफिल-2018’ कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम में प्रतिभागियो की प्रस्तुति होगी साथ ही पंडित बिरजू महाराज कथक की बारीकियों और पुरानी बंदिषों के साथ अपने संस्मरण भी रखेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here