उत्तर प्रदेश: एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल जारी, 570 कर्मी बर्खास्त, पुलिस की मदद से ली गई एंबुलेंस

0
390

सारांश

प्रदेश में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल जारी है। इस बीच एस्मा लागू कर करीब 570 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है।

विवरण

पुलिस की मदद से कर्मियों से एंबुलेंस लेकर दूसरे चालकों को सौंपी गई हैं। एंबुलेंस सेवा देने वाली कंपनी का दावा है कि मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। दो दिन से चल रही एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के बाद बुधवार को सख्त कदम उठाए गए। विभिन्न जिलों में पुलिस और प्रशासन की मदद से एंबुलेंसकर्मियों से एंबुलेंस वापस ले ली गई। इन्हें दूसरे चालकों को सौंपी गई हैं। जीवीके ईएमआरआई के सीनिर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने कहा कि लोगों की जिंदगी बचाने के लिए एंबुलेंस सेवा में किसी तरह की बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। करीब 570 को बर्खास्त किया जा चुका है।

आगे भी सेवा बाधित करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की कि किसी केबहकावे में ना आकर ड्यूटी ज्वाइन करें। दूसरी तरफ एंबुलेंस कर्मचारी संघ के संगठन मंत्री नीतिश कुमार ने कहा कि पूरे प्रदेश में हड़ताल चल रही है। विभिन्न जिलों से एंबुलेंसकर्मी लखनऊ के लिए निकल पड़े हैं। सभी ईको गार्डेन पहुंचेंगे। यहां धरना चलता रहेगा।

एंबुलेंस सेवा पर सख्ती
एंबुलेंस व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ने भी सख्त  निर्देश दिया है। टीम 9 की समीक्षा बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि 108 और 102 एंबुलेंस सेवा का संचालन निर्बाध रूप से किया जाए। एम्बुलेंस सेवा किसी भी दशा में बाधित नहीं होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक जरुरतमंद को एम्बुलेंस सेवा समय से प्राप्त हो जाए। यदि ऐसा नहीं होता हैए तो संबंधित एम्बुलेंस प्रोवाइडर के खिलाफ  सख्त कार्रवाई की जाए।

वकील सहित दो पर एबुलेंस सेवा बाधित करने की साजिश रचने का मुकदमा

आशियाना थाने में एंबुलेंस सेवा 102 और 108 को बाधित करने की साजिश रचने का आरोप में कर्मचारी संगठन के वकील सहित दो पर मुकदमा दर्ज किया गया है। तीन दिन से 102 और 108 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर है। जिसके कारण स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है। कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए उकसाने और स्वास्थ्य सेवा को बाधित करने की साजिश रचने का आरोप लगा है। जीवीके कंपनी के अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने एस्मा सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

प्रभारी निरीक्षक आशियाना बृजेंद्र कुमार मिश्रा के मुताबिक जीवीके के सीएस कमलाकन्नन सुंदरम ने तहरीर दी। जिसमें कहा कि कंपनी पिछले कई साल से प्रदेश में एंबुलेंस सेवा को संचालित कर रही है। आरोप लगाया कि 26 जुलाई से एंबुलेंस सेवा  का संचालन ठप हो गया है। एंबुलेंस सेवा को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चालक व अन्य कर्मचारी हड़ताल पर है। जिसके कारण पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो रही है। प्रदेश में एंबुलेंस सेवा पर भी एस्मा लागू है।

इस महत्वपूर्ण सेवा को बाधित करने के लिए मुख्य साजिशकर्ता अभिनव नाथ त्रिपाठी है। इस कार्य में उनका सहयोग विक्रम सैनी ने दिया। दोनों ने कर्मचारियों को उकसा कर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किया है। अभिनव नाथ त्रिपाठी अधिवक्ता है। वह एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारियों के वकील है। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक जीवीके के सीएस की तहरीर पर दोनों आरोपियों पर महामारी अधिनियम, आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम, साजिश रचने, धारा 144 को उल्लंघन करने, सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

यह भी पढ़ सकते हैं

• बहनोई के साथ मिलकर रची थी मॉडल शॉप लूट की साजिश, तीन गिरफ्तार

बहनोई के साथ मिलकर रची थी मॉडल शॉप लूट की साजिश, तीन गिरफ्तार

• टोक्यो ओलम्पिक में पूजा रानी पहुंची पदक के पास बस पदक से एक कदम दूर

टोक्यो ओलम्पिक में पूजा रानी पहुंची पदक के पास बस पदक से एक कदम दूर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here