अमेरिका और ब्रिटेन की तरह भारत में भी डेल्टा वैरिएंट के और भी म्यूटेशन मिल चुके हैं लेकिन केंद्र सरकार पिछले 20 दिन से इस मामले में चुप्पी साधे है। अब वैज्ञानिकों ने आधिकारिक तौर पर जानकारी दी है कि भारत में डेल्टा प्लस की तरह एवाई .2 म्यूटेशन के मामले भी सामने आ रहे हैं। यह म्यूटेशन भी डेल्टा वैरिएंट में हुआ है। अभी तक अमेरिका में सबसे ज्यादा एवाई.2 के मामले सामने आए हैं । भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जानकारी दी है कि देश में अब तक पांच से अधिक मरीजों में एवाई.2 म्यूटेशन का पता चला है। ये मामले राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र में मिले थे। दरअसल पिछले साल अक्तूबर माह में कोरोना वायरस का डबल म्यूटेशन महाराष्ट्र में मिला था। इसके चंद महीने बाद फिर से म्यूटेशन हुआ है फिर डेल्टा व कापा वैरिएंट सामने आया। डेल्टा में भी दो म्यूटेशन हुए और उनमें डेल्टा प्लस और एवाई.2 म्यूटेशन सामने आया।
दोनों ही म्यूटेशन अब भारत में मिल चुके हैं। पुणे स्थित एनआईवी की डॉ. प्रज्ञा यादव ने बताया कि डेल्टा प्लस और एवाई.2 दोनों ही म्यूटेशन भारत में मिल चुके हैं। यह दोनों ही म्यूटेशन काफी गंभीर हैं और इनके असर के बारे में बहुत जानकारी अभी नहीं है। आशंका यहां तक है कि देश में अगर तीसरी लहर आती है तो उसमें इन म्यूटेशन की एक बड़ी भूमिका हो सकती है।
डेल्टा का तीसरा एक और म्यूटेशन मिला
डेल्टा में अब तीसरा एक और म्यूटेशन सामने आया है। यह बीते 23 जून को दर्ज किया गया है, लेकिन भारत में अभी तक इसकी मौजूदगी नहीं है। अमेरिका और ब्रिटेन के कुछ राज्यों में जीनोम सीक्वेसिंग के जरिए एवाई.3 म्यूटेशन की पुष्टि हुई है।
पहले डेल्टा प्लस पर भी नहीं दी थी सूचना
मंत्रालय ने डेल्टा प्लस के आठ से अधिक मामले सामने आने के बाद भी कई दिन तक जानकारी नहीं दी थी। उस दौरान प्रेस कान्फ्रेंस में मंत्रालय ने डेल्टा प्लस के मामले मिलने से इंकार कर दिया था, लेकिन अगले सप्ताह की कान्फ्रेंस में 49 मामले मिलने की पुष्टि की। शाम को स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इसे गंभीर वैरिएंट नहीं माना लेकिन रात तक बयान जारी करते हुए डेल्टा प्लस को गंभीर श्रेणी में रखने की घोषणा की थी।
महाराष्ट्र, राजस्थान व कर्नाटक में मिले एवाई.2 के मामले
अभी तक जीआईएसआईडी प्लेटफॉर्म पर एवाई.2 वैरिएंट 250 से अधिक सैंपल में मिल चुका है। इनमें सर्वाधिक 239 सैंपल की जानकारी अमेरिकी राज्यों से दी गई है। जीआईएसआईडी प्लेटफॉर्म वैश्विक स्तर पर सभी देशों ने मिलकर तैयार किया है। जहां हर देश नए म्यूटेशन के बारे में सैंपल सहित पूरी जानकारी देता है। भारत से अभी तक यहां चार ऐसे केस की जानकारी दी गई है जिनमें एवाई.2 वैरिएंट मिला है। यह चारों मामले 2 से 21 मई के बीच सामने आए हैं । ये केस राजस्थान, महाराष्ट्र व कर्नाटक से जुड़े हुए हैं।
अब तक 12 से अधिक राज्यों में मिला डेल्टा प्लस
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक उत्तर प्रदेश और बिहार में डेल्टा प्लस के मामले नहीं मिले थे लेकिन पिछले सप्ताह ही यहां के मरीजों में इसकी मौजूदगी पता चली है। अब तक 80 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। जबकि डेल्टा प्लस प्रभावित राज्यों की संख्या बढ़कर 14 हो चुकी है। पिछले सप्ताह प्रेस कान्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव कुमार अग्रवाल ने देश में डेल्टा प्लस के कुल 56 मामले होने के साथ साथ 12 राज्यों में इसकी मौजूदगी की पुष्टि की थी।
बी.1 वैरिएंट की तुलना में बीटा और डेल्टा से ज्यादा नुकसान
जब कोविड संक्रमण से स्वस्थ्य हुए व्यक्तियों में एंटीबॉडी की जांच की गई तो पता चला कि बी.1 वैरिएंट से संक्रमित व्यक्तियों में एंटीबॉडी 97.8 फीसदी थीं। जबकि 29.6 फीसदी बीटा और डेल्टा वैरिएंट की वजह से 21.2 फीसदी एंटीबॉडी ही पाई गईं। वैक्सीन और रिकवर व्यक्तियों पर अलग अलग परिणाम निकालने के बाद वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि बी.1 वैरिएंट की तुलना में बीटा और डेल्टा ज्यादा नुकसान दे रहा है। यह एंटीबॉडी पर सीधे हमला कर रहे हैं, जिसके चलते कोवाक्सिन का असर भी कम हो रहा है। अध्ययन के दौरान बीटा और डेल्टा वैरिएंट की वजह से कोवाक्सिन का असर दो से तीन फीसदी गुना तक कम मिला है।