अमेरिका में कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच देश के ‘खाद्य एवं दवा प्रशासन’ (एफडीए) ने फाइजर/बायोएनटेक द्वारा तैयार कोरोना वैक्सीन को प्रयोग के लिए आपात मंजूरी दी है। रॉयटर्स ने इसकी जानकारी दी है। कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में अमेरिका शीर्ष पर है। गौरतलब कि अमेरिकी सरकार की एक सलाहकार समिति ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन को आपात मंजूरी देने की अनुशंसा की। अमेरिका के खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) की वैक्सीन एंड रिलेटेड बायोलॉजिकल प्रॉडेक्ट्स एडवायजरी कमेटी (वीआरबीपीएसी) में आठ घंटे चली बैठक में मंथन के बाद फाइजर और जर्मनी की उसकी सहयोगी बायोएनटेक द्वारा विकसित वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी देने के संबंध में मतदान हुआ। इसमें फाइजर और बायोएनटेक के टीके के पक्ष में 17 और विपक्ष में चार मत पड़े और एक सदस्य गैरहाजिर था। समिति के सदस्य पॉल ऑफिट ने कहा, वैक्सीन से स्पष्ट फायदा नजर आ रहा है लेकिन दूसरी ओर इसके अनुमानित खतरे हैं। पॉल फिलाडेल्फिया में बच्चों के अस्पताल में टीका विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन का लाभ पहुंचाने की क्षमता उसके खतरों को कम करती है।
एक अन्य विशेषज्ञ ओफर लेवी ने कहा, यह मील का एक बड़ा पत्थर साबित होने वाला है लेवी संक्रामक रोग विशेषज्ञ हैं और बोस्टन चिल्ड्रन हॉस्पिटल में टीका कार्यक्रम के प्रमुख हैं। फाइजर की वैक्सीन को ब्रिटेन और कनाडा जैसे देश पहले ही मंजूरी दे चुके हैं।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बयान में कहा, फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन को आज मिली मंजूरी मुश्किल वक्त में उम्मीद की एक किरण हैं। हम इस वैक्सीन को बनाने वाले वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के आभारी हैं। हम उन वैज्ञानिकों और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के भी आभारी हैं जिन्होंने राजनीतिक प्रभाव में आए बिना इस वैक्सीन की क्षमता और सुरक्षा का मूल्यांकन किया।