अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण ओलम्पियाड (आई.ई.ओ.-2019) का दूसरा दिन प्रकृति के अलौकिक सौन्दर्य को उजागर किया

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण ओलम्पियाड (आई.ई.ओ.-2019) का दूसरा दिन बेहद ज्ञानवर्धक रहा। देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने कविता पाठ, क्विज, कोरियोग्राफी एवं पेन्टिंग आदि विभिन्न रोचक प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रकृति के पंचतत्वों जल, वायु, अग्नि, धरती व आकाश के महत्व से रूबरू कराकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विदित हो कि सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण ओलम्पियाड का आयोजन 12 से 15 दिसम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में किया जा रहा है जिसमें देश-विदेश से पधारे लगभग 500 छात्र प्रतियोगिताओं के माध्यम से सारी दुनिया को हरित क्रान्ति का संदेश दे रहे हैं।
आई.ई.ओ.-2019 का शुभारम्भ संवाद कार्यक्रम ‘टेड एड’ से हुआ, जिसमें सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) के कैम्ब्रिज सेक्शन के 6 छात्रों ने पर्यावरण के प्रति अपनी चिन्ताओं व सुझावों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन श्री आन्द्रे फैन्थम, टेड एक्स आर्क डायलाग स्पीकर, लखनऊ, ने किया। इस कार्यक्रम में इप्शिता श्रीवास्तव ने ‘द ब्लूप’, दिव्यम चैधरी ने ‘टेक्नो ट्रैश – ए साइलेन्ट एसेसिन’, नाईशा खान ने ‘आस्ट्रिच इफेक्ट’, आमना खान ने ‘थ्री सीज’, अक्षिता सिंह ने ‘श्रगिंग आॅफ द डूम्स डे एण्ड पासिंग आॅन’ एवं गार्गी भारद्वाज ने ‘ओशन्स इन डिस्ट्रेस’ विषय पर प्रभावपूर्ण ढंग से संवाद प्रस्तुत किया।
प्रतियोगिताओं का सिलसिला आज सीनियर वर्ग की ‘पोएट्री (स्वरचित कविता पाठ)’ प्रतियोगिता से शुरू हुआ, जिसमें प्रतिभागी छात्रों ने स्वरचित कविता पाठ कर उपस्थित दर्शको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रतियोगिता में 20 छात्रों ने भाग लिया। सावित्री पब्लिक स्कूल, महाराजगंज के आदर्श मिश्रा ने अपनी कविता के माध्यम से कहा कि धरती माँ हमसे प्यार करती हैं और हम अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों को काटते हैं। जय जालाराम स्कूल, गुजरात की भक्ति समनानी ने अपनी कविता के माध्यम से प्रकृति को संरक्षित कर अपना भविष्य बचाने का संदेश दिया। इसी प्रकार, अन्य प्रतियोगितयों ने भी प्राकृतिक संतुलन, पर्यावरण, जल इत्यादि संरक्षण कासंदेश दिया। सभी प्रतियोगी अपने विचार में आशावादी दिखे तथा उन्होंने लीक से हटकर सोचा व विचार प्रस्तुत किये।
इसी प्रकार इमैजिनियरिंग माई यूचर (रीडिजाइनिंग द ग्लोब) प्रतियोगिता भी सभी के आकर्षण का केन्द्र रही। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्रों की क्षमता देखते ही बनती थी, जिन्होंने सफेद रंग के दिये गये ग्लोब पर ब्रश व रंगों के संयोजन से प्रकृति के सौन्दर्य को उकेरा। इस प्रतियोगिता में छात्रों के कला-कौशल, रंग संयोजन व सृजनात्मक विचारों ने निर्णायक मंडल के सदस्यों सहित सभी को दाँतो तले उंगलिया दबाने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा ‘वण्डर्स आॅफ नेचर (इन्वार्यनमेन्ट क्विज)’ प्रतियोगिता का लिखित राउण्ड भी प्रातःकालीन सत्र में सम्पन्न हुआ।
अपरान्हः सत्र में आयोजित जूनियर वर्ग की कलर्स आॅफ सिम्फनी (टी-शर्ट पेन्टिंग) प्रतियोगिता में देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने बड़े उत्साह से प्रतिभाग किया। इस प्रतियोगिता के अन्तर्गत प्रतिभागी छात्रों ने अपने रचनात्मक सोच एवं कलात्मक क्षमता को ब्रश व रंगो के माध्यम से टी-शर्ट पर उकेरा। इस प्रतियोगिता में छात्रों ने पर्यावरण संवर्धन हेतु किये जाने वाले उपायों और बदलाव पर अपनी सोच को टी-शर्ट पर पेन्टिंग करके आकर्षक रंगों व भाव-भंगिमाओं द्वारा व्यक्त किया। डांसिग वाटर्स (कोरियोग्राफी) प्रतियोगिता भी आज सभी के आकर्षण का केन्द रही जिसके अन्तर्गत प्रत्येक टीम से 5 प्रतिभागी छात्रों ने नृत्व व संगीत के माध्यम से प्रकृति के सौन्दर्य को उजागर दिया। इन प्रतिभागी छात्रों ने अपने हाव-भाव, नृत्य प्रस्तुति, लय-ताल द्वारा प्रकृति के अलौकिक सौन्दर्य का वर्णन किया, साथ-साथ प्रकृति के कोप को भी दर्शाया। उपस्थित दर्शकों ने तालियां बजाकर सभी प्रतिभागियों की हौसलाअफजाई की।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिताओं के अलावा आज सायंकालीन सत्र में साँस्कृतिक संध्या का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने लोकनृत्यों व अन्य शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा प्रदर्शित कर उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्री शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण ओलम्पियाड के अन्तर्गत प्रतियोगिताओं का सिलसिला कल 14 दिसम्बर को जारी रहेगा। कल 14 दिसम्बर, शनिवार को आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में स्टिल वाटर्स (पेन्टिंग), लाज आॅफ नेचर (कोर्ट रूम ड्रामा), इफ विशेज हैड विंग्स (प्रोडक्ट रीडिजाइनिंग), वण्डर्स आॅफ नेचर (इन्वार्यनमेन्ट क्विज – फाइनल) आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा, ‘पर्यावरण कार्यशाला’ के अन्तर्गत प्रख्यात पर्यावरणविद् पर्यावरण संवर्धन का अलख जगायेंगे।

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