लखनऊ। बिजली कम्पनियों द्वारा उन सेवाओं पर भी जीएसटी लागू कर दी गयी जो जीएसटी की परिधि से बाहर हैं। सिस्टम लोडिंग चार्ज व मीटर कास्ट पर जीएसटी नहीं वसूली जा सकती, इसके बावजूद भी बिजली कम्पनियां गलत तरीके से वसूल रही हैं। भारत सरकार द्वारा जारी जीएसटी के सम्बन्ध में शासनादेश है जिसमें सिस्टम लोडिंग व मीटर कास्ट पर जीएसटी वसूलने का नियम नहीं है। बिजली कनेक्शन की किसी भी सेवा पर यदि जीएसटी लागू की जायेगी तो उससे पूरे देश में गलत संदेश जायेगा कि एक तरफ सरकार हर घर बिजली देने के लिये नया कनेक्शन दो अभियान चला रही है और दूसरी तरफ जीएसटी वसूल की जा रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के मद में एक कर वसूलती है। ऐसे में जीएसटी की वसूली समाप्त होनी चाहिए। सबसे ज्यादा इसका प्रभाव उन किसानों पर पड़ रहा है कि जिनका ट्यूबवेल का स्टीमेट तैयार हो रहा है और उस पर हजारों रूपया जीएसटी वसूली जा रही है।
बिजली की अनेकों सेवाओं प्रोसेसिंग फीस, सिस्टम लोडिंग चार्ज, मीटर कास्ट पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू करने के विरोध में उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा के साथ की शक्ति भवन कार्यालय में बैठक की और उन्हें ज्ञापन सौंपा ।ऊर्जा मंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रदेश की जनता के हित में सरकार राहत दिलाने पर विचार कर रही है। उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री को भारत सरकार का शासनादेश सौंपते हुए कहा कि सिस्टम लोडिंग चार्ज व मीटर कास्ट पर नहीं लागू है जीएसटी फिर भी वसूल हो रही है। मीटर टेस्टिंग व प्रोसेसिंग फीस जिस पर जीएसटी वसूलने का प्राविधान है, उसको भी उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री से समाप्त कराने की मांग उठायी।
ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि सरकार इस मुद्दे पर गम्भीरता से विचार कर रही है। बिजली की सेवाओं पर जीएसटी वसूलने के पूरे मुद्दे पर उपभोक्ताओं के हित में उचित निर्णय लिया जायेगा, सरकार इस दिशा में प्रयासरत है। जिन सेवाओं पर जीएसटी की वसूली नहीं होनी है, उन पर जीएसटी की वसूली बिल्कुल नहीं होगी।