बातें जो बदल देंगी आपका जीवन-पंडित हरि ओम शर्मा ‘हरि’

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छोटी-छोटी अच्छी बातें ही जीवन को उच्च सोपान पर ले जाती हैं और छोटी-छोटी छोटी बातें ही जीवन को बर्बाद कर देती हैं या हम यूं कहें कि बातें ही जीवन का उत्थान व पतन करती हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। छोटी बातें हमेशा हमारे जीवन में खौफ पैदा करती हैं, दोष पैदा करती हैं, हमें रास्ते से भटका कर अंधकार की ओर ले जाती हैं। अच्छी बातें हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती हैं, अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती हैं, जीवन को सुगम बनाती हैं, प्रकाशवान बनाती है, जीवन को सफल बना कर सफलता के सोपान तक ले जाती है।

मन के काम में ही कदम बढ़ाएः जब इंसान किसी काम को बोझ समझकर अथवा दुखी मन से करता है, तो वह इंसान उस काम में सफल हो ही नहीं सकता, यह एक निर्विवाद सत्य है। अब यहाँ यह प्रश्न स्वाभाविक है कि इंसान किसी काम को बोझ समझकर अथवा अनमने मने से करता ही क्यों है? इसका उत्तर है कि उसने अपने काम का चयन अपने मन-मुताबिक नहीं किया है। जब काम मन-मुताबिक नहीं है तो उस काम में मन न लगना स्वाभाविक है। जब काम में मन ही नहीं लग रहा है तो मन व मस्तिष्क में उत्साह, उमंग, ऊर्जा का संचार नहीं होगा। अतः किसी भी काम की सफलता मन के कार्य में छुपी है। हमेशा वह कार्य करें जिसमें आपका मन लगे। जिस कार्य को करने में आपका मन लगता है, उसी में कदम आगे बढ़ाएं। फिर आप देखेंगे कि आपके कदम स्वतः ही मंजिल की तरफ बढ़ते जा रहे हैं, उसी में आप आनंद ले रहे हैं, खुश हो रहे हैं, उत्साह-ऊर्जा का संचार आपके अंदर स्वतः ही हो गया है। आप बिना किसी रूकावट के, बिना किसी थकान के, निरंतर आगे और आगे बढ़ते जा रहे हैं। सच मानिए! आप अपने सोचे कार्य को पूरा करने वाले हैं, बस दो कदम और बढ़ाइए और प्राप्त कर लीजिए अपने लक्ष्य को!

खुद पर भरोसा रखेंः जो इंसान खुद पर भरोसा नहीं करता है, खुद पर विश्वास नहीं करता है, दुनिया भी उस पर विश्वास नहीं करती है और बिना विश्वास के तो जीवन की डगर पर चलना कठिन ही नहीं अपितु असंभव है। जीवन की यह कठिन डगर विश्वास के सहारे ही पूरी की जा सकती है। इसके लिए सर्वप्रथम आपको अपने ऊपर विश्वास करना होगा। विश्वास करें कि आपके अंदर अपार क्षमता है, विश्वास करें कि आप कठिन से कठिन कार्य को भी कर सकते हैं। जिस दिन आप इतना कर लेंगे, आपके अंदर अपार ऊर्जा का संचार हो जाएगा। आप विश्वास से लबालब हो जाएंगे, आपके चेहरे पर चमक आ जाएगी, आपके कदमों में तेजी आ जाएगी, आपके बढ़ते कदमों व आपके चेहरे की चमक को देखकर दुनिया आपके ऊपर विश्वास करने लगेगी, आपका सहयोग करने लगेगी, आपको नई-नई जिम्मेदारी मिलने लगेगी और आप जीवन की इस कठिन डगर पर विश्वास के सहारे चलकर पहुंच जाएंगे जीवन के उच्चतम सोपान पर।
खुद ही प्रश्न करें व खुद ही हल ढूँढेंः परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का सही उत्तर देकर परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर पास हो सकते हैं, मगर जीवन की परीक्षा में पास होने के लिए आपसे प्रश्न करने वाला कोई नहीं है। अतः जीवन की परीक्षा में सफलता अर्जित करने के लिए आपको स्वयं से ही प्रश्न करना होगा और स्वयं ही उसका हल ढूंढना होगा। तो खुद से ही प्रश्न करें कि मैं कौन हँू? क्या करने आया हँू? मुझे क्या करना है? किस रास्ते पर चलना है? यह रास्ता किस ओर जाता है? यह उन्नति की ओर जाता है अथवा अवनति की ओर? मुझे कौन सा रास्ता चुनना है? मेरा लक्ष्य क्या है? मेरी मंजिल क्या है? मुझे दुर्गुणों से कैसे बचना है? सद्गुरु को कहाँ से और कैसे अपनाना है? आदि-आदि। हजारों प्रश्न आपके मन-मस्तिष्क में आएंगे और प्रश्नों का उत्तर आपको खुद ही देना होगा, प्रश्नों को हल स्वयं ही करना होगा।

जिद करें, जुनून पैदा करें, जिंदादिल बने रहेः जीवन के इन कठिन प्रश्न को हल करना इतना आसान नहीं है, जितना आप समझ रहे हैं। मगर असंभव भी नहीं है। सब कुछ संभव है असंभव कुछ भी नहीं। मगर असंभव संभव करने के लिए पहले आपको जिद करनी होगी कि मैं इस प्रश्न का हल खोज कर ही रहूँगा। उसके बाद आपको उस प्रश्न का हल खोजने के लिए अपने अंदर जुनून पैदा करना होगा। प्रश्न अत्यंत जटिल है, अतः हल खोजने में कठिनाइयों का आना स्वाभाविक है। अतः आप इन कठिनाइयों से विचलित न हों, हिम्मत न हारें, जिंदादिल बने रहें। सच मानिए! आपके प्रश्नों का हल आप स्वयं खोज लेंगे।

अपने को व्यर्थ की दौड़ से बचाएंः व्यर्थ की दौड़ हमेशा व्यर्थ ही रहती है, हमें राह भटकाने का काम करती है। व्यर्थ की दौड़ से मेरा तात्पर्य दूसरे की प्रतिस्पर्धा से है। दूसरा क्या कर रहा है, किस दिशा में दौड़ रहा है, आप इस तरह की दौड़ से अपने आप को बचाएं क्योंकि हर इंसान के जीवन के प्रश्न अलग होते हैं। आपके प्रश्न कुछ और हैं और दूसरे के प्रश्न कुछ और हैं। वह अपने प्रश्नों का हल खोजने किसी अमुक रास्ते पर दौड़ रहा है। आप यदि प्रतिस्पर्धा में उसी रास्ते पर दौड़ना शुरू कर देंगे तो निश्चित रुप से राह भटक जाएंगे इसलिए कि आपके प्रश्नों का उत्तर उस रास्ते पर नहीं है जिस पर दूसरा दौड़ रहा है। आपका प्रश्न अलग है, दूसरे का प्रश्न अलग है। अतः आप अपने रास्ते पर दौड़ें, उसे उस रास्ते पर दौड़ने दीजिए। इस अंधी दौड़ प्रतिस्पर्धा से अपने आपको हमेशा बचाइये कि वह यह काम कर रहा है तो मैं भी वही कार्य करूँ। नहीं! कदापि नहीं मेरे दोस्त! हमेशा याद रखो तुम्हारे जीवन का लक्ष्य यानि कि प्रश्न और उसके जीवन का लक्ष्य अलग-अलग है। एक ही रास्ते दोनों के नहीं हो सकते। आप अपना रास्ता खुद बनाईये, उसी रास्ते पर दौड़ लगाइए और पहुंच जाइए जीवन के सोपान पर! सफलता आपका इंतजार कर रही है।

जिस काम को भी करें, उसी में डूब जाएंः जिस काम को करो उसी में डूब जाएं। जैसे-जैसे आप उस काम में डूबते जाएंगे, वैसे-वैसे ही आप ऊपर आते जाएंगे अर्थात आपको सफलता मिलने लगेगी। जिस काम को भी करें, पूरे मन से, लगन से, तल्लीनता से करें, उस काम में इतने तल्लीन हो जाए, इतना डूब जाएं कि आपको उस काम के अलावा कुछ न दिखाई दे। न दिन दिखाई दे, न रात दिखाई दे। न खशी दिखाई दे, न दुख दिखाई दे। बस आपको काम ही काम दिखाई दे, तभी उस कार्य को पूरा कर पाएंगे और तभी जीवन की ऊंचाइयों को छू पाएंगे।

समय को बर्बाद न करेंः एक बात दोनों कान खोल कर सुन लें यदि आप समय बर्बाद कर रहे हैं तो आपको समय बर्बाद कर देगा। क्योंकि आज तक समय को कोई बर्बाद नहीं कर पाया है समय ने ही सबको बर्बाद किया है। अतः समय को बर्बाद न करें, समय का सदुपयोग करें, समय सबके जीवन में आता है। अतः समय को समय से पकड़ लें, समय को पहचाने, उसका लाभ उठाएं व जीवन को सफल बनाएं। जीवन को सफल बनाने में समय का सबसे अधिक महत्व होता है, इसका हमेशा ध्यान रखें। एक बात और ध्यान रखें कि समय निकल जाने के बाद पुनः नहीं आता है।
हमेशा अच्छा सोचो बड़ा सोचोः जीवन के सोपान तक ले जाने में सोच का विशेष महत्व है। जिस इंसान की सोच अच्छी है, वह अच्छा इंसान है और जिसकी सोच बुरी है, वह बुरा इंसान। उसी तरह जिस इंसान की सोच छोटी, वह छोटा इंसान और जिसकी सोच बड़ी, वह बड़ा इंसान। अच्छा व बड़ा बनने के लिए हमेशा अच्छा सोचें। अच्छी सोच आपको जीवन की ऊंची से ऊंची चोटी पर आसानी से पहुंचा सकती है।

अपने अंदर छिपी अनंत ऊर्जा को पहचानेंः प्रत्येक इंसान के अंदर अनंत ऊर्जा छिपी है, अपार प्रकाश छिपा है, सूर्य से ज्यादा प्रकाश आपके अंदर है, फिर आप अंधेरे में क्यों जी रहे हैं? कभी अंदर के सूर्य को झांककर देखें तो आप पाएंगे कि आप से अधिक प्रकाशमान तो कोई भी नहीं है। आप अपने अंदर के प्रकाश को पहचाने, अपने अंदर छुपी अपार क्षमता व ऊर्जा को पहचाने, उसका सदुपयोग करें, ऊर्जावान बने, प्रकाशमान बने, खुद भी प्रकाशित हों और दूसरों को भी प्रकाशित करें। जीवन में व्याप्त अंधकार को मिटायें, जिस दिन आप अपने अंदर के प्रकाश अंदर की ऊर्जा को पहचान लेंगे, उसी दिन आपका जीवन बदल जाएगा। आप दूसरों के लिए अनुकरणीय बन जाएंगे और आपका जीवन सार्थक हो जाएगा।

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