लखनऊ की कृष्णानगर पुलिस ने बीमा पॉलिसी धारकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के मास्टर माइंड समेत छह जालसाजों को दबोचा है। यह गिरोह पूरी तरह से कॉरपोरेट स्टाइल में काम करता था। गिरोह ने 10 से 40 हजार रुपये की तनख्वाह पर युवक-युवतियों को रख रखा था। बोनस का झांसा देकर लोगों को फंसाने, रकम खाते में जमा कराने और खाते से रकम को ठिकाने लगाने के लिए अलग-अलग टीमें बना रखी थीं।
एएसपी क्राइम दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में दिल्ली के बिंदापुर थाने के संजय इंक्लेव उत्तमनगर निवासी अमन कुमार, उत्तमनगर विश्वास पार्क के गौरव कुमार सिंह उर्फ राहुल, झांसी के प्रेमनगर थाने के टीआरएस कॉलोनी निवासी गौरव मेहता, रायबरेली के डलमऊ थाने के चकभीटी निवासी अंकित सिंह और लखनऊ के पारा के आलम विहार निवासी आकाश कुमार गुप्ता उर्फ रवि व गोसाईंगंज के बसरैया निवासी रवि वर्मा शामिल हैं।
पुलिस ने खाता फ्रीज कराया तब जाकर फंसा जाल में
इंस्पेक्टर कृष्णानगर अंजनी कुमार पांडेय के मुताबिक जालसाजों ने हरियाणा के पलवल निवासी रमेश सिंह को बीमा पॉलिसी में बोनस का झांसा देकर 34 हजार रुपये का चूना लगाया। उन्होंने दो मार्च को जनसुनवाई समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) पर इसकी शिकायत की। इसमें कृष्णानगर क्षेत्र में आंध्रा बैंक के एक खाते का जिक्र करते हुए प्रीति व विशाल नामक व्यक्तियों पर कॉल करके ठगी और मैक्स लाइफ के खाते का जिक्र किया था।
इस पर रिपोर्ट दर्ज करके आंध्रा बैंक में संबंधित खाते को फ्रीज कराने के साथ बैंक प्रबंधक की मदद से जालसाजों को पकड़ने का जाल बिछाया गया। खाते से रकम न निकलने पर अमन ने बैंक अधिकारियों को कॉल की। इस पर उसे एटीएम कार्ड में तकनीकी खराबी की बात कहकर नया कार्ड ले जाने के बहाने बुलाया गया। अमन ने आकाश व रवि को भेजा। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर अन्य लोगों की धरपकड़ शुरू की।
67 मोबाइल फोन सहित ये हुआ बरामद
1.12 लाख रुपये, छह लैपटॉप, 67 मोबाइल फोन, 23 एटीएम कार्ड, 15 पासबुक, इस्तेमाल किए जा चुके 50 सिमकार्ड, 11 नए पैक सिमकार्ड, पांच वोटर कार्ड, पांच आधार कार्ड, दो पैन कार्ड, एक बाइक, स्कूटी, जस्ट डायल से लिया 21 पेज में सैकड़ों जीवन बीमा धारकों का डाटा, जाली लेटर पैड व 47 मोबाइल फोन की बैटरी बरामद हुई है।
ऐसे रचा ठगी का मायाजाल: 50 हजार पॉलिसी धारकों का डाटा खरीदा, जालसाजी के लिए तीन टीमें बनाई
सीओ कृष्णानगर लाल प्रताप सिंह ने बताया कि इंटर तक पढ़े मास्टर माइंड अमन कुमार ने जस्ट डायल से पांच हजार रुपये में 50 हजार बीमा पालिसी धारकों का डाटा खरीदा। इसके साथ ही गोमतीनगर में कॉल सेंटर खोल दिया। इसके साथ ही मास्टर माइंड ने तीन टीमें बनाईं।
टीम नंबर-1 : पगार 40 हजार तक, काम-पॉलिसी धारकों को बोनस की जानकारी देना
युवक-युवतियों को 10 से 40 हजार रुपये महीने की नौकरी पर रखकर पॉलिसी धारकों को कॉल करके उन्हें बोनस व अन्य लाभ की जानकारी देने का जिम्मा सौंपा।
टीम नंबर-2 : तनख्वाह 10 हजार तक, काम-गांवों में जाकर लोगों के खाते खुलवाना
दूसरी टीम को गांवों में भेजकर लोगों को सरकारी योजनाओं के लाभ के बहाने बैंक में खाते खुलवाते। उन्हें दो हजार से 10 हजार रुपये देने के साथ पासबुक व एटीएम कार्ड कब्जे में ले लेते। इन्हीं खातों का इस्तेमाल रकम पार करने के लिए किया जाता। यह काम करने वाली टीम को 10 हजार रुपये तक दिए जाते।
टीम नंबर-3 : सबसे विश्वस्त लोग, काम-खातों से रकम उड़ाना
तीसरी टीम में मास्टर माइंड खुद व उसके बेहद विश्वस्त शामिल थे। ग्रामीणों के नाम से खोले खातों से एटीएम कार्ड के जरिये रकम उड़ाने का काम यह टीम करती थी।
23 बैंक खाते फ्रीज कराए, इन खातों से एक करोड़ से ज्यादा का लेन-देन
इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय ने बताया कि जालसाजों के कब्जे से विभिन्न बैंकों के 23 एटीएम कार्ड बरामद होते ही संबंधित खाते फ्रीज करा दिए गए हैं। इन खातों से एक करोड़ से अधिक की कमाई की जा चुकी थी। इन खातों में लेनदेन का ब्योरा लेकर ठगी का शिकार बने अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है।