कंस की जेल ने महिलाओं को रूलाया, रामजन्म पर लगे जयकारे
लखनऊ। राजधानी में पात्रों द्वारा खेली जाने वाली बरहा, आलमबाग की कृष्णलीला तथा रामलीला में गुरुवार को दूसरे दिन कन्हैया और रघुराई के जन्म का मंचन किया गया।
मथुरा से आए श्री किशोरी आदर्श रासलीला मंडल के कलाकारों की कला आलमबाग क्षेत्र को लुभाने लग गई है। श्री त्रिलोकेश्वरनाथ मंदिर एवं रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे 63वें रामोत्सव के दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमडी और जम कर प्रभु की लीला के मंचन का रसपान किया गया।
दोपहर 2 बजे शुरू हुई कृष्णलीला के पहले दिन कंस के दरबार से मंचन की शुरुआत की गई। इसके बाद देवकी- वासुदेव के विवाह तथा कैदखाने के मार्मिक दृश्यों को देख कर महिलाएं पण्डाल में ही रोने लगी। प्रभु जन्म के पश्चात वासुदेव कन्हैया को लेकर गोकुल पहुंचते हैं। समिति के अध्यक्ष रमेश लोधी ने बताया कि शुक्रवारर को कृष्णलीला में कान्हा के बचपन और राक्षसों के उद्धार का मंचन किया जाएगा।
रामलीला के दूसरे दिन राजा दशरथ के शिकार खेलने से मंचन आरम्भ किया गया। श्रवण कुमार को बाण लगना, उसके माता-पिता द्वारा दशरथ को श्राप देना, दशरथ का अयोध्या लौटना, ऋषि वसिष्ठ द्वारा पुत्र यज्ञ करवाने के बाद प्रभु राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के जन्म का मंचन किया गया। राम जन्मोत्सव के लिए घर से तैयार हो कर आए भक्तों ने लम्बी कतारें लगा कर प्रभु के दर्शन किए और व्यास केशवदास शास्त्री के मधुर गीतों ने भक्तों को नाचने पर मजबूर कर दिया।
भए प्रगट कृपाला दीन दयाला के बाद चारों भाईयों के बचपन के मंचन के बीच बही भक्ति की रसधार में लखनपुर के वासी सुध बुध खो बैठे। रामजन्म की बधाई का सिलसिला देर रात तक चला और रसप्रेमी भक्तिरस में सराबोर हो कर देर तक नाचते गाते रहे। उसके बाद आरती के साथ लीला का समापन किया गया। समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रंजीव ठाकुर ने बताया कि श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए पाण्डाल में और व्यवस्था बढ़ाने के साथ स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा। रामलीला के तीसरे दिन राजा दशरथ के दरबार में मुनि विश्वामित्र का आगमन, चारों भाईयों के वनगमन तथा धनुष यज्ञ का रोमांचक मंचन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा रविवार को विशाल चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी मंदिर प्रांगण में किया जा रहा है।