दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है, जिसने एमबीबीएस यानी डॉक्टरी की कभी पढ़ाई ही नहीं की. इसके बाद भी खुद को डॉक्टर बताकर वो देश के कई अस्पतालों में लाखों रुपए महीने की सेलरी पर नौकरी करता रहा. दो महिलाओं से शादी भी कर ली. बाद में जब महिलाओं और उनके बच्चों के साथ अनबन होती गई तो, उन सबको एक-एक करके छोड़ता गया. कुछ साल पहले गिरफ्तार करके दिल्ली पुलिस जब मास्टरमाइंड इस फर्जी डॉक्टर को मुंबई ले गई, तो वहां वो पुलिस हिरासत से भाग गया. फिलहाल अब इस ठग और फर्जी डॉक्टर को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने फिर गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार फर्जी डॉक्टर का नाम मनीष कौल उर्फ वरुण कौल उर्फ मनीष चड्ढा उर्फ डॉ. आशुतोष मारवाह उर्फ डॉ. विशेष धीमान उर्फ डॉ. संजीव चड्ढा उर्फ डॉ. संजीव चौधरी उर्फ गौरव सेठी उर्फ अनु सेठी उर्फ डॉ. विक्रांत भगत (37) है
इस धोखेबाज फर्जी डॉक्टर को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (Inter Border Gangs Investigation Squad IGIS) की टीमों ने दिल्ली से सटे यूपी के मेरठ शहर में स्थित एक नर्सिंग होम से गिरफ्तार किया है. आरोपी एमबीबीएस डॉक्टर के रूप में मेरठ में एक हॉस्पिटल में डेढ़ लाख रुपए महीने पर नौकरी कर रहा था. इन तमाम तथ्यों की पुष्टि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त आयुक्त शिवेस सिंह भी करते हैं.
कई बार क्राइम ब्रांच के पहुंचने से पहले भागा
संयुक्त पुलिस आयुक्त के मुताबिक, “मुंबई में दिल्ली पुलिस की कस्टडी से इसके भागने के बाद से ही क्राइम ब्रांच की टीमें इसकी तलाश में थीं. इस ठग और फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) गिरीश कौशिक, महिला सब इंस्पेक्टर अनुपमा राठी, हवलदार राजीव सहरावत, सिपाही ओम प्रकाश, मंजीत, गजानंद, महेश, शशि कपूर, दीपक, मुकेश और कुलदीप (सभी सिपाही) की एक विशेष टीम बनाई गई थी. कई मौके ऐसे भी पड़े कि आरोपी क्राइम ब्रांच पुलिस टीमों की भनक लगते ही मौके से रफूचक्कर हो गया था.”
धोखाधड़ी के मामले हो चुके हैं दर्ज
9 जुलाई 2021 को आरोपी दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीमों ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में मनीष ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. उसके पिता बृजभूषण कौल उर्फ राजेंद्र पाल कौल की 1980 के दशक में अंबाला कैंट इलाके में दवाई फैक्ट्री हुआ करती थी. 12वीं पास करने के बाद मनीष ने सन् 2006 में जालंधर स्थित एक संस्थान में यूनानी और होम्योपैथी में स्नातक करने के लिए दाखिला ले लिया. हालांकि उससे पहले ही वो सन् 2002 से पिता की दवा फैक्टरी के कारोबार में उनकी मदद भी करने लगा था. उसी दौरान दवा डीलर्स से 50 हजार की धोखाधड़ी के आरोप में उसके खिलाफ यूपी के सहारनपुर जिले में मुकदमा दर्ज हो गया. 2002 से 2008 तक उसके खिलाफ और भी कई धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हो चुके थे. सन् 2007 में आरोपी दिल्ली के पटेल नगर में रहने वाली एक स्कूल टीचर के संपर्क में पहुंचा. उस टीचर से उसका संपर्क अखबार में विज्ञापन देखकर हुआ था. स्कूल टीचर से आरोपी ने खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताकर शादी कर ली. उस शादी से आरोपी के घर में एक बेटी का जन्म हुआ.
नवंबर 2014 में वैवाहिक संबंध कराने वाली एक वेबसाइट पर अपना बायोडाटा अपलोड कर दिया. जिसमें उसने खुद को एमडी एमबीबीएस अविवाहित डॉक्टर बताया. साथ ही बताया कि वो संगरूर पंजाब में एक हॉस्पिटल में फिजीशीयन है. उस फर्जी प्रोफाइल के फेर में फंसकर दिल्ली के अशोक विहार इलाके में रहने वाली एक महिला डॉक्टर ने संपर्क साधा. उस महिला डॉक्टर ने भी फरेबी मनीष के साथ 20 जुलाई 2015 को शादी कर ली. यह इस फर्जी डॉक्टर की दूसरी शादी थी. इस दूसरी शादी से आरोपी के घर में एक बेटे का जन्म हुआ. इसी बीच पति की कुछ हरकतों से जब डॉक्टर पत्नी को शक हुआ तो उसने दिल्ली के मोती नगर थाने में 22 मार्च 2018 को एक मुकदमा दर्ज करा दिया. इससे बौखलाया मनीष एक दिन महिला डॉक्टर की हत्या के इरादे से लोडेड हथियार लेकर उसके क्लिनिक पर जा पहुंचा. उस दौरान आरोपी को कीर्ति नगर थाना पुलिस ने हत्या की कोशिश में मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया था.
पेशी से वापस लौटने के दौरान भागा युवक
27 नवंबर 2019 को जब दिल्ली पुलिस आरोपी के खिलाफ एर्नाकुलम (केरल), पणजी गोवा और मपूसा में चल रहे कई आपराधिक मामलों में पेशी कराकर वापिस दिल्ली लौट रही थी. उसी दौरान वो दिल्ली पुलिस की कस्टडी से भाग गया. मुंबई में दिल्ली पुलिस की कस्टडी से भागने के बाद आरोपी सुमेरपुर, पाली, राजस्थान पहुंचा था. जहां उसके पिता पहले से ही रह रहे थे. उन्होंने वहां एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल खोल रखा था. आरोपी पांच महीने वहीं छिपा रहा. इस बीच पाली के थाना सदरी (Sadri) पुलिस ने पुलिस कस्टडी से फरार चल रहे पिता को गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद मनीष और उसके पिता पहचान छिपाकर दिल्ली से सटे गुरुग्राम में आकर रहने लगे थे. करीब एक साल पहले ही उसने मेरठ स्थित एक हास्पिटल में डॉ. विक्रांत भगत के नाम से नौकरी शुरू कर दी थी.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी के खिलाफ दिल्ली, मुंबई, फरीदाबाद, पंचकुला, बंगलुरू, गोवा, चंडीगढ़, जयपुर, केरल, अंबाला, काशीपुर (उत्तराखण्ड) में 27 आपराधिक मामले दर्ज होने का पता चला है. यह सभी मामले धोखेबाजी, 420, पहचान छिपाने, हत्या की कोशिश और अवैध असलहा रखने से संबंधित हैं. आरोपी अब तक 8 साल में दो महिलाओं को धोखा देकर उनसे शादी कर चुका है. जबकि 11 अलग-अलग अस्पतालों में खुद को एमबीबीएस एमडी बताकर डॉक्टर की नौकरी कर चुका है.