‘सच बोलना’ सभी गुणों की आधारशिला है
— डा. (श्रीमती) भारती गाँधी, प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्थापिका-निदेशिका, सी.एम.एस.
लखनऊ, 15 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर आॅडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए बहाई धर्मानुयायी, प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने कहा कि मनुष्य का सबसे बड़ा गुण ‘सत्य बोलना’ है और यही बाकी के सभी गुणों की आधारशिला है। बालक की प्रथम गुरू माता, द्वितीय गुरू पिता एवं उसके बाद शिक्षक हैं, ऐसे में, मैं इन तीनों से अपील करना चाहती हूँ कि बच्चों में प्रारम्भ से जीवन मूल्यों के विकास पर ध्यान दें, खासकर सच्चाई, ईमानदारी, विनम्रता आदि गुणों पर। डा. गाँधी ने आगे कहा कि जीवन मूल्यों व सद्गुणों से लबालब भावी पीढ़ी ही विश्व एकता एकता, शान्ति व न्याय का परचम लहरायेगी और इनका हथियार होगा ‘जय जगत’ अर्थात सारे विश्व का कल्याण हो। इससे पहले,
सी.एम.एस. के संगीत शिक्षकों ने प्रभु भक्ति से ओतप्रोत भजनों का प्रस्तुतिकरण कर सम्पूर्ण आॅडिटोरियम को ईश्वरीय चेतना से अभिभूत कर दिया।
विश्व एकता सत्संग में आज सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) के छात्रों ने स्कूल प्रार्थना, प्रार्थना गीत, भक्ति गीत, सद्विचार, लघु नाटिका आदि शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से उपस्थित सत्संग प्रेमियों का मन मोह लिया। स्कूल प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरूआत करके बच्चों ने भक्ति गीत ‘मोर लव मोर पाॅवर’ के प्रस्तुतिकरण से खूब तालियां बटोरी। लघु नाटिका ‘ईमानदारी’ एवं नुक्कड़ नाटक ‘मोबाइल वरदान अथवा अभिशाप’ एवं माताओं का समर्पित गीत ‘तू मेरी धड़कन है माँ’ प्रस्तुत किया। इसके अलावा, माताओं द्वारा प्रस्तुत गीत ‘ये मत कहो खुदा से’ को सभी ने खूब पसन्द किया। इस अवसर पर विभिन्न धर्मानुयाइयों ने सारगर्भित विचार व्यक्त किये।