पश्चिम बंगाल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां दो ऐसे लोगों की जानकारी मिली है जो कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद चेन्नई से फ्लाइट लेकर कोलकाता तक पहुंच गए. बंगाल के परिवहन मंत्री सुबेंधु अधिकारी ने ये जानकारी दी है.न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, परिवहन मंत्री सुबेंधु अधिकारी ने इस मामले में सिविल एविएशन मंत्रालय पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मंत्री सुबेंधु अधिकारी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में चेन्नई से दो ऐसे लोग लौटे हैं, जो वहीं कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. ऐसे में उन्हें प्लेन से सफर करने की इजाजत कैसे दे दी गई.ममता सरकार में परिवहन मंत्री सुबेंधु अधिकारी ने बताया, ”चेन्नई में 12 जून को दो लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया. अगले दिन उनकी पॉजिटिव रिपोर्ट आई. इसके बाद 14 जून को उन्होंने फ्लाइट ली.”
मंत्री ने ये भी कहा कि रविवार को कोलकाता में लैंड करने के बाद इनमें से एक युवक अपने होम डिस्ट्रिक्ट ईस्ट मिदनापुर के कोरोना अस्पताल में पहुंचा. उसके पास जांच रिपोर्ट थी, और उसने वहां भर्ती होने के लिए कहा.ये तमाम आरोप लगाते हुए मंत्री सुबेंधु अधिकारी ने कहा कि जब चेन्नई में ही कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी तो वहीं अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराया गया. कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बावजूद उन्हें चेन्नई से फ्लाइट में कैसे सफर करने दिया गया, सोचिए इससे कितने यात्रियों को वायरस का खतरा हो सकता है.ये तमाम आरोप लगाते हुए उन्होंने सिविल एविएशन मंत्रालय से सवाल किया कि एयरपोर्ट पर बिना मेडिकल सर्विलांस के कैसे दोनों लोगों को फ्लाइट में सफर करने दिया गया. वहीं, न्यूज एजेंसी पीटीआई ने कोलकाता एयरपोर्ट के हवाले से लिखा है कि कोलकाता लैंड करने पर स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से हेल्थ स्क्रीनिंग की गई थी.
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