चाइनीज हैकर्स बना सकते हैं शिकार ,कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहे वैज्ञानिकों को

0
162

कोरोना से पहले चीन और अमेरिका के बीच पहले से ही ट्रेड वॉर चल रहा है जिसे कोरोना वायरस के संक्रमण ने और तेज कर दिया है। अमेरिका लगातार कह रहा है कि चीन ने कोरोना को लेकर दुनिया को गुमराह किया है। इसी बीच अमेरिका ने कहा है कि कोरोना की वैक्सीन बना रहे शोधकर्ताओं को चाइनीज हैकर्स अपना शिकार बना सकते हैं।

फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन के लिए काम कर रहे संस्था और शोधकर्ताओं को चीन के हैकर्स अपना शिकार बना सकते हैं, हालांकि एजेंसी ने कोई सबूत या उदाहरण नहीं दिया है। एफबीआई ने कहा है कि कोरोना की वैक्सीन, इलाज और टेस्टिंग पर काम कर रहीं एजेंसियों और शोधकर्ताओं को डाटा सिक्योरिटी का खास ख्याल रखने की जरूरत है।
चीन ने कहा- बिना सबूत आरोप ना लगाए अमेरिका
अमेरिका के साइबर सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी के एक बयान में कहा गया है कि वैक्सीन पर काम कर रही हैं एजेंसियों पर साइबर अटैक का खतरा है। यह चेतावनी का उद्देश्य अनुसंधान संस्थानों और अमेरिकी जनता को अलर्ट करता है जिन्हें साइबर शिकार बनाया जा सकता है। एफबीआई और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने कहा है कि वे जल्द ही इसे लेकर एक अलर्ट जारी करने वाले हैं ताकि जो लोग वैक्सीन पर काम कर रहे हैं वे सतर्क रहें।

कोरोना के बारे में जानकारी छिपाने के अमेरिका के आरोप पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन ने कोई डाटा नहीं छिपाया है और ना ही अन्य देशों को गुमराह किया है। झाओ ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम COVID -19 उपचार और वैक्सीन अनुसंधान में दुनिया में अग्रणी हैं। किसी भी सबूत के अभाव में अफवाहों और अपशब्दों के साथ चीन को निशाना बनाना अनैतिक है।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here