मध्य प्रदेश के राज्यपाल और लखनऊ के पूर्व सांसद लालजी टंडन का मंगलवार सुबह 5:35 बजे निधन हो गया। 85 वर्षीय टंडन 11 जून से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। वह लिवर रोग से पीड़ित थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही लखनऊ में शोक छा गया। सुबह 9:30 बजे उनका पार्थिव शरीर त्रिलोकनाथ रोड स्थित आवास लाया गया। लालजी टंडन के निधन की सूचना मिलते ही मंगलवार को त्रिलोकनाथ रोड आवास पर समर्थक जुट गए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टंडन के आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्य, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, मंत्री सुरेश खन्ना, सूर्यप्रताप शाही, रमापति शास्त्री, ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा, डॉ.महेंद्र सिंह, स्वाती सिंह, महापौर संयुक्ता भाटिया व पूर्व मंत्री अम्मार रिजवी, समेत कई मंत्री, विधायक और प्रशासनिक अफसर भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे दोपहर एक बजे उनका पार्थिव शरीर चौक सोंधी टोला आवास पर ले जाया गया। यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य व सतीश महाना ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। तिरंगे में लिपटा लालजी टंडन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास सोंधी टोला चौक से शाम करीब चार बजे अंतिम यात्रा पर रवाना हुआ। टंडन के ज्येष्ठ पुत्र और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मत्री गोपाल दास टंडन के अलावा उनके भाई और परिवार के अन्य सदस्य भी ट्रक पर सवार थे। सड़कों के दोनों ओर सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता और शहर के खास तथा आम लोग उनकी अंतिम विदाई देने के लिए खड़े थे। तमाम वीआइपी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के चलते पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा के जबर्दस्त इंतजाम कर रखे थे।दशकों तक जिस गोमती को निर्मल और पावन करने के लिए लालजी टंडन ने संघर्ष किया मंगलवार को उसी के किनारे उनकी अंतिम यात्रा खत्म हुई। लंबे समय तक सूबे की राजनीति के कद्दावर नेता रहे टंडन का मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार गुलाला घाट पर कर दिया गया। उनके छोटे पुत्र अमित टंडन ने जैसे ही मुखाग्नि दी, वहां मौजूद सैकड़ों आम और खास लोगों की आंखें नम हो गईं। लालजी टंडन के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आनंदी बेन, मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ समेत मंत्रिमंडल के तमाम सहयोगी और प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
11 जून को भर्ती हुए थे
लालजी टंडन नौ जून को मध्यप्रदेश से लखनऊ आए थे और स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें 11 जून को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 जून को पेट में रक्तस्राव होने पर ऑपरेशन किया गया। इसके बाद वह वेंटिलेटर पर चले गए थे। हल्का सुधार हुआ तो बीच में दो दिन उन्हें बाई-पैप मशीन पर शिफ्ट किया गया, लेकिन तबीयत फिर बिगड़ी तो डॉक्टरों ने उन्हेंं दोबारा वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया। मेदांता के मेडिकल डायरेक्टर डॉ.राकेश कपूर के मुताबिक उनके फेफड़े काम नहीं कर पा रहे थे। किडनी फंक्शन गड़बड़ाने से उनकी डायलिसिस चल रही थी। वह लिवर रोग से पीडि़त थे। घाट पर ले जाते समय लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए साथ साथ चलते रहे। कोरोना आपदा को देखते हुए शासन की ओर से दिशा निर्देशों को पालन करने के आदेश दिए गए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी लालजी टंडंन को श्रद्धांजलि देने पहुंचे, उनके साथ कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक और डीएम अभिषेक प्रकाश भी मौजूद रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद महापौर संयुक्ता भाटिया भी पहुंची, उन्होंने लालजी टंडन को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। प्रदेश तीन दिन राजकीय शोक, बंद रहे सरकारी दफ्तर मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। एक दिन का राजकीय अवकाश भी घोषित किया गया। इसके बाद सुबह जो कार्यालय खोले गए थे, वह दोपहर में बंद कर दिए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण के हालात की समीक्षा के लिए टीम-11 की नियमित बैठक भी स्थगित कर दी।