उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसकी तैयारियां राजनीतिक पार्टियों ने शुरू कर दी है. समाजवादी पार्टी ने भी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. अब तक MY यानी मुस्लिम-यादव फैक्टर पर काम करने वाली सपा अब MYD फैक्टर बनाने में जुट गई है. इसमें मुस्लिम और यादव के साथ-साथ दलितों को भी शामिल किया जाएगा. उत्तर प्रदेश में दलित वोट बैंक हमेशा से बड़ा चेहरा रहा है और यही वजह है कि दलितों को साधने की कोशिशें तेज हो गई है. अब तक समाजवादी पार्टी मुस्लिम-यादव यानी MY फैक्टर पर काम करती थी, लेकिन अब उसने दलित फैक्टर पर भी काम करना शुरू कर दिया है और इसे नाम दिया गया है MYD यानी मुस्लिम, यादव और दलित. दलितों को साधने के लिए समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी की ही तर्ज पर ‘बाबा साहब वाहिनी’ का गठन करने जा रही है. बताया जा रहा है कि इसकी रूपरेखा काफी हद तक तय भी हो चुकी है. सपा का राष्ट्रीय नेतृत्व इस वाहिनी का नेतृत्व उस दलित नेता के हाथ में देना चाहता है जो काफी ज्यादा पढ़ा-लिखा हो और दलितों से जुड़े मुद्दों को संघर्ष करने का जज्बा और माद्दा रखता हो. इसमें कई संभावित चेहरों पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है. दलितों को साधने की कोशिश में 14 अप्रैल को सपा ने अंबेडकर जयंती भी धूमधाम से मनाई थी और जिला कार्यालय तक दीपोत्सव मनाया था. सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि उनकी पार्टी जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी लोगों को तवज्जो देती है. वो कहते हैं बाबा साहब और लोहिया का पुराना नाता रहा है, इसलिए ये कहना गलता होगा कि बाबा साहब और लोहिया अलग-अलग हैं. उन्होंने बताया कि बाबा साहब वाहिनी पर अभी विचार चल रहा है.
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