लखनऊ । अब एलडीए अकेले ही अपनी कॉलोनियों से यूजर चार्ज नहीं लेगा। बल्कि प्रदेश के अन्य विकास प्राधिकरण भी अपनी कालोनियों से अनुरक्षण शुल्क ले सकेंगे। इसके लिए शासन ने नया प्रस्ताव तैयार किया है। 31 जुलाई को इसे जारी कर सभी विकास प्राधिकरण से आपत्ति व सुझाव मांगा गया है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अक्टूबर 2019 में अपनी उन कालोनियों से अनुरक्षण शुल्क लेने का निर्णय लिया था जो नगर निगम को हैंड ओवर नहीं हैं। बोर्ड बैठक में इसे मंजूरी भी मिल चुकी है। लेकिन अब एलडीए का यह फैसला अकेले यहीं तक सीमित नहीं रहेगा। इसी तर्ज पर शासन प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरण में भी अनुरक्षण शुल्क लागू करने की व्यवस्था बना रहा है। इसका मसौदा तैयार हो गया है। शासन ने इस पर आपत्ति व सुझाव भी मांग लिया है।
1 जुलाई को शासन ने एलडीए को भी पत्र लिखकर इस पर अपना मत देने को कहा है। उधर एलडीए ने पहले ही यूजर चार्ज के लिए अपनी दरें निर्धारित कर रखी हैं। 3.50 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दरें प्रस्तावित की गई थी। इसके हिसाब से सालाना 5000 रुपये तक लोगों को यूजर चार्ज देना पड़ता। हालांकि अभी तक एलडीए ने इसकी वसूली शुरू नहीं कराई है।
शासन की ओर से निर्धारित दरें मान्य होंगी
अभी एलडीए ने भले ही यूजर चार्ज की खुद की दरें निर्धारित कर दी है लेकिन शासन की ओर जो नया आदेश जारी होगा उसमें जो दरें होंगी वही लागू होगा। शासन की ओर से निर्धारित दरों से कम या ज्यादा की वसूली कोई भी प्राधिकरण नहीं कर पाएगा। अनुरक्षण शुल्क मासिक, त्रैमासिक व वार्षिक वसूला जाएगा। न जमा करने पर लोगों को दंड ब्याज भी देना होगा।