लखनऊ। राजधानी के होटलों में बिना कोरोना लक्षण वाले मरीजों को रोकने की तैयारी पूरी कर ली गई है। यहां बेड की व्यवस्था मुकम्मल करने के साथ ही डॉक्टरों की टीम भी लगा दी गई है। शासन से हरी झंडी मिलते ही मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसमें एक दिन का खर्च दो से ढाई हजार तय किया गया है। राजधानी में मरीजों की संख्या का आंकड़ा दो हजार पार कर गया है। इसमें ज्यादातर बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज हैं। कुछ लोग स्वास्थ्य विभाग की ओर से तय किए गए सार्वजनिक स्थलों पर रहना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी के होटल तय किए हैं। खास बात यह है कि नामचीन होटल है। इन्हें ए, बी और सी कैटेगरी में बांटा गया है। ए कैटेगरी वाले में होटल हयात में 200 बेड, बी कैटेगरी में होटल पिकेडिली में सौ बेड, सी कैटेगरी में गोल्डन टयूलिप में 45, लिवाना में 66, और क्रिस्टल इन में 36 बेड आरक्षित किए गए हैं। रविवार को राजधानी के आठ अन्य होटलों को भी चुना गया है। इनके जरिए 500 बेड की व्यवस्था की गई है। इन सभी होटलों में दो डॉक्टर और चार पैरामेडिकल स्टाफ नियमित तौर पर मौजूद रहेगा। किसी मरीज को समस्या होने पर तत्काल उपचार मिल सकेगा। यदि मरीज की स्थिति गंभीर होती है तो उन्हें केजीएमयू, लोहिया संस्थान अन्य अस्पताल में रेफर कर दिया जाएगा। 2000 है न्यूनतम चार्ज एसीएमओ डॉक्टर केपी त्रिपाठी ने बताया कि रविवार को सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इनका चार्ज दो हजार से 2500 रुपये तक रखा गया है। इसमें नाश्ता और दोनों वक्त का भोजन भी शामिल है। डिमांड के अनुसार व्यक्ति को संबंधित होटल में भेज दिया जाएगा। इस दौरान होटल के खर्च के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। भर्ती होते वक्त शुल्क जमा करना पड़ेगा। होटल तैयार हैं। मेडिकल टीम भी बना ली गई है।। शासन से हरी झंडी मिलते ही मरीजों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। राजधानी के कई अन्य होटलों को भी चयन किया गया है। डॉक्टरों की टीम तैयार होते ही उनमें भी मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा।