रिसर्चर्स की एक अंतरराष्ट्रीय टीम को कोरोना वायरस के बारे में नई जानकारी हाथ लगी है. ग्लोबल स्टडी में पता चला है कि कोरोना वायरस के नए रूप में अधिक तेजी से लोगों को संक्रमित करने की क्षमता है और फिलहाल कोरोना के इसी रूप से ज्यादातर लोग संक्रमित हो रहे हैं.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स का कहना है कि कोरोना वायरस का नया रूप यूरोप से अमेरिका में पहुंचा. नए म्यूटेशन में संक्रमण फैलाने की अधिक क्षमता है. हालांकि, कोरोना का नया रूप पॉजिटिव हुए लोगों को पहले वाले म्यूटेशन के मुकाबले अधिक बीमार नहीं कर रहा है
अब रिसर्चर्स ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस के नए रूप को वैक्सीन से काबू किया जा सकता है या नहीं. अब तक जिन वैक्सीन पर काम चल रहा है, वे कोरोना वायरस के पुराने वर्जन के आधार पर ही बनाए गए हैं. रिसर्चर्स ने नए म्यूटेशन को G614 नाम दिया है.Cell नाम के जर्नल में ये स्टडी प्रकाशित की गई है. स्टडी के दौरान पता चला कि संक्रमित होने वाले नए लोगों में वायरस के नए म्यूटेशन का ही दबदबा है. ब्रिटेन की ड्यूक यूनिवर्सिटी के डेविड मॉन्टेफिओरे ने कहा कि हमें जांच में पता चला कि G614 पुराने D614 से 3 से 9 गुना तक अधिक संक्रामक है.
लॉस एलमॉस नेशनल लैब के बायोलॉजिस्ट बेट्टे कॉर्बर ने कहा कि वैश्विक डेटा यह दिखाता है कि G614 नाम का कोरोना वायरस पुराने D614 से अधिक तेजी से फैल रहा है. वैज्ञानिकों ने कहा कि एक मार्च से पहले G614 यूरोप से बाहर नहीं देखे जा रहे थे, लेकिन अब ये पूरी दुनिया में फैल गया है.