दिल्ली के नए मामलों में संक्रमितों में नहीं थे कोरोना के लक्षण

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस कर कोरोना वायरस से संबंधित बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी शुरू हुई है। शनिवार को 736 टेस्ट की रिपोर्ट आई, जिनमें से 25 प्रतिशत यानी 186 मरीजों को संक्रमित पाया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से किसी में भी कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नहीं थे।
उन्होंने कहा कि कल पॉजिटिव पाए गए मरीजों में से एक से बात करने पर पता चला कि वह कुछ दिनों से दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे खाद्य पदार्थ वितरण केंद्र में जाकर खाना बांटने का काम कर रहा था। इसके बाद सेंटर पर आने वाले सभी लोगों की रैंडम टेस्टिंग का फैसला लिया गया है।

इसके साथ ही हर केंद्र पर खाना बांटने के काम से जुड़े लोगों की भी टेस्टिंग की जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि यह बहुत खतरनाक बात है कोरोना वायरस फैल चुका है। अब लोगों को पता नहीं चल रहा है कि उन्हें कोरोना वायरस हो गया है और ऐसे में उनसे अन्य लोगों को संक्रमण फैल रहा है।

उन्होंने कहा कि इस वक्त कोरोना से सबसे कठिन लड़ाई दिल्ली लड़ रही है। विदेश से आने वाले सबसे ज्यादा लोग दिल्ली ही आए। मरकज में जो कुछ भी हुआ उसकी भी सबसे ज्यादा मार दिल्ली को ही झेलनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की स्थिति को देखते हुए और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने यह निर्णय लिया है कि फिलहाल लॉकडाउन की शर्तों में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। 27 अप्रैल को दिल्ली सरकार दोबारा से हालात की समीक्षा करेगी। इसके आधार पर ही आगे का फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबादी देश की कुल आबादी की दो फीसदी है, इसके बावजूद देश के कुल मरीजों में से 12 फीसदी यहीं हैं।

केजरीवाल ने कहा कि इनकी संख्या हर रोज बढ़ रही है। यह लॉकडाउन होने के बाद की स्थिति है। अगर लॉकडाउन न होता तो दिल्ली के हालात भी इटली, अमेरिका जैसे होते। अरविंद केजरीवाल ने माना कि लॉकडाउन से आम दिल्लीवालों को होने वाली परेशानियों से सरकार परिचित है, लेकिन स्थिति बेहद संजीदा है।

केजरीवाल ने माना कि लॉकडाउन से सबको बहुत परेशानी हो रही है। सरकार भी ढील देना चाहती है, लेकिन अगर इससे हालात खराब हुए तो मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा होने से उन्हें आईसीयू में भर्ती कर पाना, वेंटिलेटर पर रख पाना संभव नहीं होगा। अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, ढिलाई देने पर अगर हालात हाथ से बाहर जाते हैं तो सरकार खुद को माफ नहीं कर पाएगी।

केजरीवाल ने बताया कि फिलहाल दिल्ली में करीब 1900 कोरोना संक्रमित हैं, जिनमें से 43 की मौत हो चुकी है। 26 मरीजों को आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जबकि छह वेंटिलेटर पर हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की स्थिति बेहद चिंताजनक है, हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं गई है। घर में रहकर और सतर्कता बरतते हुए इस महामारी से बचा जा सकता है।

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