लॉकडाउन के चलते दिल्ली में लंबे समय से बंद बैंक्वेट हॉल अब खुलेंगे। बैंक्वेंट हॉल खुलने की अनुमति मिलने के बाद सोमवार को बैंक्वेंट हॉल मालिकों से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अपने निवास पर मुलाकात की। बैंक्वेंट हॉल मालिकों ने सरकार का धन्यवाद किया। वहीं केजरीवाल ने कहा कि कोरोना संकट से निपटने में बैंक्वेट हॉल अहम भूमिका निभाई है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना को नियंत्रित करने में हमारे बैंक्वेट हॉल भी दिल्ली मॉडल का अहम हिस्सा हैं। कोरोना के मुश्किल वक्त में दिल्ली के बैंक्वेट हॉल ने जिस तरह का सहयोग दिया वह सराहनीय रहा। भविष्य में हम मिलकर काम करेंगे। अब हमें दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिन राज्यों में कोरोना बढ़ रहा है, वहां बैंक्वेट हॉल खोलने की मंजूरी दे दी। दिल्ली में रोक लगा दिया था। हमने केंद्र के लोगों को समझाया और बड़ी मुश्किल से बैंक्वेट हॉल खुलवाया है।
कोरोना के वक्त बैंक्वेट हॉल मालिकों ने काफी मदद की
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब हम कोरोना से निपट कर रहे थे, आप सब लोगों ने बहुत साथ दिया। जून में जब केस भड़ रहा था, अस्पतालों में बेड कम पड़ गए, तब स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आप लोगों को बुलाकर बात की थी और आप लोगों से अनुरोध किया था कि अस्पतालों के साथ बैंक्वेट हॉल को लिंक किया जाएं। आप लोगों ने मना करना तो दूर, आप लोगों ने पूरी तरह से सहयोग देने का निश्चय किया और हमें पूरा सहयोग मिला। हमें जहां जहां जरूरत थी, वहां पर बैंक्वेट इंडस्ट्री ने आकर सहयोग दिया। इसके लिए हम आप सभी लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया करना चाहते हैं। आप लोगों ने भंडारे का इंतजाम किया और बहुत लोगों ने अपने क्षेत्र में राशन भी बांटा। दिल्ली की जनता की तरफ से आप सभी लोगों का मैं शुक्रिया करता हूं।
जरूरत पड़ने पर धर्म-जाति से उठकर परिवार की तरह काम करते है
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में एक समय तेजी से कोरोना बढ़ रहा था। सभी के सहयोग से हमने मिलकर उसपर नियंत्रण पा लिया है। मैं हमेशा यही कहता हूं कि दिल्ली के दो करोड़ लोग एक परिवार की तरह हैं। परिवार ने हमेशा मिलकर बड़े-बड़े काम किए हैं। हमने प्रदूषण 25 फीसदी तक कम किया। डेंगू को हमने नियंत्रित किया और अब हम लोगों ने कोरोना को भी नियंत्रित किया है। इसलिए पूरे दुनिया के लिए दिल्ली मॉडल एक केस स्टडी बन गया है। जब मुश्किल घड़ी आती है तो फिर पार्टीबाजी नहीं चलती है, फिर कोई धर्म, कोई जाति कुछ नहीं चलता है। फिर सभी एक परिवार के रूप में हम सभी काम करते हैं।