UP में अब CMO के रेफरल लेटर की भर्ती होने के लिए जरूरत नहीं ,24 घंटे में 34379 मरीज मिले,195 की मौत हुई
कोरोना महमारी में दिल्ली पुलिस फ्रंट वॉरियर का काम कर रही है। अस्पताल हो या फिर घर में इलाज करवा रहे कोरोना मरीजों के लिए हो रही ऑक्सीजन किल्लत को पुलिस गंभीरता से ले रही है और जल्द से जल्द मरीजों तक ऑक्सीजन मुहैया करवाने का काम कर रही है। ग्रीन कॉरिडोर के जरिए अस्पतालों तक ऑक्सीजन टैंकर पहुंचा रही है वहीं घरों में मौजूद मरीजों तक ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति कर रही है। दिल्ली पुलिस के इस काम की जमकर सराहना हो रही है।
द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त संतोष कुमार मीणा ने बताया कि द्वारका स्थित मणिपाल अस्पताल में बुधवार रात ऑक्सीजन की कमी की सूचना दिल्ली पुलिस को मिली थी। अस्पताल प्रशासन की ओर से कहा गया कि अस्पताल में मौजूद सिलेंडर ज्यादा देर तक चल नहीं सकता। ऑक्सीजन की कमी होने से अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की जान पर बन सकती है। इस सूचना के बाद द्वारका साउथ थाने के प्रभारी ने तुरंत एक टीम गठित की और अस्पताल के कर्मचारियों के साथ ऑक्सीजन टैंकर का इंतजाम करने के लिए फरीदाबाद हरियाणा पहुंचे।
प्रयास करने पर फरीदाबाद के ऑक्सीजन प्लांट से एक ऑक्सीजन टैंकर मिला। जिसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। टैंकर से सिलेंडर में ऑक्सीजन भरने के बाद उसे आईसीयू में भेजा गया। अस्पताल के डॉक्टरों और मरीज के तिमारदारों ने पुलिस की तत्परता के लिए उनकी सराहना की। पुलिस ने डॉक्टरों को अपना मोबाइल नंबर मुहैया करवाया। ताकि भविष्य में आवश्यकता पडने पर संपर्क कर सकें।
इसी तरह रणहौला स्थित राठी अस्पताल में ऑक्सीजन की कभी हो गई थी। अस्पताल में 78 मरीज ऑक्सीजन पर थे। इस बात की जानकारी मिलते ही जिला पुलिस ने तुरंत ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता से संपर्क कर अस्पताल को ऑक्सीजन का सिलेंडर मुहैया कर मरीजों की जान बचाई।
बृहस्पतिवार तड़के चार बजे पुलिस को मौर्या एंक्लेव स्थित माया मुन्नी राम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की जानकारी मिली थी। मौर्या एंक्लेव थाना प्रभारी ने एक टीम गठित कर आनंदपर्वत प्लांट से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की और समय पर उसे अस्पताल पहुंचाया। जिससे वहां भर्ती मरीजों के परिवार वालों से राहत की सांस ली।
बुधवार को पुलिस को महाराजा अग्रसेन अस्पताल से भी दो घंटे का ऑक्सीजन बचे होने की जानकारी मिली। नरेला थाना के निरीक्षक उमेश कुमार शर्मा ने तुरंत बवाना के ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं से संपर्क कर 20 ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया और अस्पताल को मुहैया करवाया। इस समय अस्पताल में कोरोना संक्रमित सात मरीजों का इलाज चल रहा है।
इसी तरह डाबड़ी स्थित आकाश अस्पताल से पुलिस को ऑक्सीजन की किल्लत की जानकारी मिली। थाना प्रभारी ने तुरंत टीम गठित की। टीम ने डाबड़ी और वजीरपुर स्थित ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता से संपर्क किया। लेकिन कमी की वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पाया। उसके बाद पुलिस टीम मायापुरी से 37 ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया और सिलेंडरों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
घरों में इलाज करवा रहे मरीजों तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचा रही है पुलिस
घरों में इलाज करवा रहे मरीजों का भी पुलिस मदद कर रही है। मरीजों के कहने पर उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करवा रही है। मुखर्जी नगर में रहने वाले एक ही परिवार के तीन सदस्य कोरोना संक्रमित हैं। उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी। इस बात की जानकारी मिलने के बाद बुधवार देर रात मुखर्जी नगर थाना प्रभारी ने अपनी टीम के साथ मायापुरी से तीन सिलेंडर मुहैया कर उनकी मदद की। सिलेंडर मिलने के बाद गुरुदत्त भोला(62), गौरी(57) और करण(25) ने पुलिस को मदद करने के लिए धन्यवाद कहा।
इसी तरह सब इंस्पेक्टर नवीन और हवलदार विजय ने सूचना मिलने के बाद त्रिनगर में एक मरीज को सिलेंडर मुहैया करवाया। वहीं सुभाष नगर थाना प्रभारी ने सूचना मिलने पर कोहाट एंक्लेव में रहने वाले एक बुजुर्ग मरीज गुरमीत(66) को समय रहते ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करवाया। वहीं नजफगढ़ में तैनात सिपाही धरमवीर ने बुजुर्ग दंपति यूआरपी सिन्हा और उनकी पत्नी नीना सिन्हा को सिलेंडर मुहैया कर उनकी जान बचाई। सूचना मिलने के बाद सिपाही ने मरीजों के घर से खाली सिलेंडर लेकर मुंडका पहुंचा।
जहां से भरी सिलेंडर लेकर रात साढ़े 12 बजे उन्हें घर पर मुहैया करवा दिया। वहीं द्वारका साउथ थाने में तैनात सिपाही झाबड़मल ने एक शख्स को फेबी फ्लू दवा मुहैया करवाया। मरीज के परिजनों को यह दवा दुकान से नहीं मिल पाया था।
एएसआई ने कराया अंतिम संस्कार
राजधानी में महामारी का खौफ इतना है कि अन्य बीमारी से मौत होने के बाद भी परिजन अपनों के शव को हाथ नहीं लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला गोकुलपुरी इलाके में सामने आया है। जहां एक शख्स की मौत के बाद कोरोना के डर से परिजनों ने शव को हाथ तक नहीं लगाया। ऐसे में थाने में तैनात एक एएसआई ने मानवता का परिचय देते हुए उस शख्स का अंतिम संस्कार किया।
उत्तर पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त संजय सेन ने बताया कि सोमवार रात करीब 11 बजे एक युवक की घर में मौत होने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही थाने में तैनात एएसआई सुशील घटनास्थल पर पहुंचे। मृतक की शिनाख्त सोनू कुमार(35) के रूप में हुई। पूछताछ में पता चला कि तीन चार दिन से सोनू को बुखार था। रात में अचानक उसकी तबियत बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया।
पुलिस ने शव को अस्पताल ले जाने के लिए परिवार वालों का सहयोग लेने की कोशिश की लेकिन सोनू की मां, पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों ने शव को छूने से इंकार कर दिया। उन्हें शक था कि सोनू की मौत कोरोना महामारी के चपेट में आने से हुई है। ऐसे में सुशील निजी एंबुलेंस मंगवाकर शव को अस्पताल पहुंचाया और शव को मोर्चरी में रखवा दिया।
मंगलवार को सोनू का पोस्टमार्टम होना था। सूचना देने के बावजूद परिवार का कोई भी सदस्य अस्पताल नहीं पहुंचा। एएसआई ने सोनू का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को अशोक नगर स्थित श्मशान घाट ले गए और पूरी रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया। एएसआई सुशील के इस काम के लिए दिल्ली पुलिस ने उसे अपना हीरो बताया है।